वैशाख शुक्लपक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११७
कोल्हापुर (महाराष्ट्र) : कश्मीर से हिन्दू पंडितोंको निकाल कर उन की संपत्ति नियंत्रण में ली गई, उस समय तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादियोंने मुंह नहीं खोला। हिन्दुओंके मंदिरोंकी दुरावस्था हो रही है; परंतु उन में सुधार करना है, शासन एवं पुरातत्त्व विभाग को ऐसा प्रतीत नहीं होता। हिन्दुओंके ही मंदिर नियंत्रण में लिए जाते हैं। मस्जिद तथा दर्गाओंके सुधार हेतु त्वरित निधि उपलब्ध करायी जाती है।
शासन यदि मंदिरोंका सोना अथवा धन हडपना चाहता है, तो हिन्दू प्राण पर खेलकर उसका विरोध करेंगे, शिवसेना के उपजिलाप्रमुख श्री. संभाजीराव भोकरे ने ऐसा स्पष्ट मत व्यक्त किया। राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनद्वारा शिवाजी चौक पर १९ अप्रैल को आंदोलन किया गया। इस अवसर पर वे ऐसा बोल रहे थे।
हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजन बुणगे ने कहा कि हिन्दुओंको स्वयं के कार्यक्रम हेतु पुलिस प्रशासनद्वारा साधारण सी अनुमति न मिलना, दंगा होने पर हिन्दुओंपर ही अपराध प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाना, अल्पसंख्यकोंद्वारा हिन्दुओंकी धार्मिक भावनाएं आहत करनेपर भी उन पर कोई कार्यवाही न करना इस पद्धति से हिन्दू समाज के साथ गौण व्यवहार किया जा रहा है। भारतीय संविधान में (सेक्यूलर) ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द समाविष्ट करने से यह आधिक्य हो रहा है।
संविधान में मूलतः न रहनेवाला एवं आपत्काल में अवैधानिक रूप से समाविष्ट (सेक्यूलर) ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाकर अल्पंसख्यकोंकी चापलूसी बंद करनी चाहिए एवं देश में त्वरित समान नागरी कानून लागू करना चाहिए। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. मधुकर नाजरे, श्रीमती अनिता बुणगे तथा सनातन संस्था के आधुनिक वैद्य मानिंसह शिंदे ने भी मनोगत व्यक्त किया।
इस अवसर पर हिन्दू एकता आंदोलन के जिलाध्यक्ष श्री. चंद्रकांत बराले, शिवसेना के श्री. सतीश शिंदे, हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री शिवानंद स्वामी, प्रसाद कुलकर्णी, श्रीमती संगीता कडूकर के साथ ३० से अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात