मुंबई – देश में ही बने और अत्याधुनिक विशेषताओं से सुसज्जित विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम को सोमवार को मुबंई के समुद्र में उतारा गया। इससे नौसेना की ताकत दुगुनी हो जाएगी। परंपरा अनुसार नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धवन की पत्नी मीनू धवन ने मझगांव डॉक्स लिमिटेड पर इसे समुद्र में उतारा।
ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी नौसेना के युद्धपोत का जलावतरण महिला द्वारा ही किया जाता है। प्रोजेक्ट १५-बी के तहत इसे मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में तैयार किया गया है। यह कोलकाता क्लास के निर्देशित मिसाइल विध्वंसक की अगली श्रृंखला का युद्धपोत है।लॉन्च के दौरान इसका वजन ३००० टन, लंबाई १६३ मीटर रही। यह ७३०० टन के साथ ३० नॉट्स की गति में सक्षम है।
ये हैं खूबियां
– अत्याधुनिक हथियारों लैस है।
– स्टेल्थ तकनीक से बना, दुश्मन की मिसाइल को चकमा देने में सक्षम है।
– एटमी, जैविक और रासायनिक हमले की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम।
– यह डिस्ट्रॉयर (विध्वंसक) ६५ फीसदी देसी है और इसमें लगे ज्यादातर हथियार देश में ही बने हैं।
– यह नौसेना का सबसे ब़़डा विध्वंसक है, जिसमें आठ ब्रह्मोस मिसाइल लगी हैं।
– सेंसर, एडवांस एक्शन इन्फॉर्मेशन सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम, अत्याधुनिक पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से लैस।
– चार ३० मिमी रेपिड
– फायर गन और एम आर गन से लैस।
– स्वदेशी ट्विन ट्यूब टार्पिडो लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर से यह पनडुब्बीरोधी क्षमता से लैस है।
नौसेना को २०१८ में मिलेगा यह विध्वंसक
आईएनएस विशाखापत्तनम में ५० अधिकारी सहित तीन सौ नौसेनिक रहेंगे। इस तरह के चार युद्धपोत बनाए जाएंगे, जिन पर करीब २९ हजार करो़ड़ रूपए की लागत आएगी। इसे २०१८ तक नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।
चीन-पाक सैन्य सहयोग पर है भारत की नजर
मुंबई। नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धवन ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग पर भारत पैनी निगाह रखे हुए है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ रहे सैन्य सहयोग से जुड़े एक सवाल के जवाब में धवन ने कहा कि हम लगातार संभावित खतरों पर नजर गड़ाए रखते हैं। चाहे वह पाकिस्तान हो या चीन।
सोमवार को आइएनएस विशाखापत्तनम के जलावतरण समारोह में शामिल होने आए धवन ने कहा कि भारत की नौसेना बहुआयामी सैन्य बल के तौर पर उभरकर सामने आई है। अब हम हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी तरह की चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। धवन का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पाकिस्तान की यात्रा पर हैं। इस दौरान पाकिस्तान, चीन से आठ पनडुब्बी खरीदने का करार कर सकता है। इस समय उसके पास पांच फ्रांसीसी पनडुब्बियों का बेड़ा है।
स्त्रोत : जागरण