पौष शुक्ल पक्ष ६, कलियुग वर्ष ५११५
सनातनके साधकोंद्वारा धर्मपरिवर्तन के लिए विरोध
पनवेल (वार्ता.) – ईसाई मिशनरी हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन करनेकी नई नई युक्तियां ढूंढते रहते हैं । इसके अंतर्गत अब पनवेल रेल स्थानकके समीपके श्री साईबाबा मंदिरके पास ३१ दिसंबरको ईसाई मिशनरियोंने ध्वनिक्षेपकपर गीत लगाकर युवा लडकियोंके नृत्यका कार्यक्रम आयोजित कर सहस्रों लोगोंको एकत्रित किया । लोगोंके बडी संख्यामें एकत्रित होनेके पश्चात लडकियोंके नृत्यका कार्यक्रम रोककर वहां उपस्थित ईसाई मिशनरियोंने येशूका गुणगान करना आरंभ किया तथा हिंदुओंको निशुल्क बाईबिल निशुल्क बांटा । यह बात रेलस्थानकपर टिकट लेने हेतु पंक्तिमें खडे सनातन संस्था पनवेलके साधक श्री. तुकाराम लोंढेके ध्यानमें आई । उन्होंने त्वरित दायित्व लेकर मिशनरियोंको धर्मपरिवर्तन करनेसे रोका । तबतक सैकडों बाईबिलका बटवारा हो चुका था । (कहां हिंदुओंको धर्मांतरित करने हेतु नई नई युक्तियां ढूंढनेवाले धर्मांध ईसाई तो कहां धर्मशिक्षा न लेते हुए धर्मपरिवर्तनपर बलि चढनेवाले धर्माभिमानशून्य हिंदु ! हिंदुओ, धर्मशिक्षा लेकर अपना धर्माभिमान जागृत करें एवं मिशनरियोंका षडयंत्र जानें ! – संपादक, दैनिक सनातन )
इस उपक्रमके लिए ईसाई मिशनरी पनवेल नगरमें ६ गाडियां लेकर घूम रहे थे । पनवेल रेलस्थानकके समीप जबतक प्रथम युवा लडकियोंका नृत्यगीत चल रहा था, तबतक किसीके ध्यानमें कुछ नहीं आया । (पश्चिमी सभ्यताकी कुसंस्कृतिके अधीन हुए अधिकांश हिंदु किसी ना किसी लालचमें पडकर अपने अस्तित्वको नष्ट कर लेते हैं । हिंदुओ, आज नृत्यका कार्यक्रम करनेवाले ईसाई आपका धर्मपरिवर्तन करने हेतु किसी भी स्तरपर जाएंगे, यह ध्यानमें लें एवं इस उपक्रमका वैधानिक मार्गसे विरोध करने हेतु अपना धर्माभिमान जागृत रखें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) परंतु बाईबिल बांटना आरंभ होनेपर श्री. लोंढेने बाईबिल बांटनेवाले ईसाईयोंका विरोध करते हुए कहा कि आप नृत्यगीतके नामपर हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन कर रहे हैं । यह बंद करें । यहांसे निकल जाएं । तत्पश्चात वे ईसाई वहांसे निकल गए । इस अवसरपर श्री. लोंढेने बाईबिल लेनेवाले हिंदुओंको भी फटकारते हुए कहा कि आप हिंदु होकर यह बाईबिल कैसे लेते हैं ? बाईबिल बांटकर आपको ईसाई बनानेका प्रयास किया जा रहा है । आपको इसका विरोध करना चाहिए किंतु एक भी हिंदुने ईसाईयोंको विरोध नहीं किया ।
(स्वधर्मका अभिमान एवं अस्मिता न रहनेके कारण ही आज हिंदुओंकीr इतनीय दयनीय अवस्था हो गई है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात