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भारतको भव्यदिव्य बनानेका छत्रपति शिवाजी महाराजका सपना साकार करें ! – नरेंद्र मोदी

पौष शुक्ल पक्ष ६, कलियुग वर्ष ५११५

श्रीशिवप्रतिष्ठानद्वारा आयोजित महानगढसे रायगढ यात्राका समापन

नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी

रायगढ – ५ जनवरीको नरेंद्र मोदीकी उपस्थितिमें सांगलीके श्रीशिवप्रतिष्ठानद्वारा आयोजित महानगढसे रायगढ यात्राका समापन हुआ । इस अवसरपर बोलते हुए भाजपाके प्रधानमंत्रीपदके उम्मिदवार एवं गुजरातके मुख्यमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी ने प्रतिपादित किया कि अंग्रेजोंने भारतके तेजस्वी इतिहासको तोडफोड कर यह इतिहास भारतियोंके समक्ष प्रस्तुत किया एवं स्वातंत्र्य प्राप्त होनेके पश्चात उसका ही पोषण किया गया । कुछ लोगोंने भारतका सत्य इतिहास हमतक नहीं पहुंचने दिया । हम सब मिलकर भारतको भव्यदिव्य बनानेका छत्रपति शिवाजी महाराजका सपना साकार करेंगे ! इस अवसरपर श्रीशिवप्रतिष्ठानके संस्थापक अध्यक्ष पू. संभाजी भिडेगुरुजी भी उपस्थित थे । इस अवसरपर श्री. मोदीने छत्रपति शिवाजी राजाका त्रिवार जयजयकार कहते हुए भाषणका आरंभ किया ।

श्री. नरेंद्र मोदीने आगे कहा..

१. चाहे अकालकी समस्याएं हो, चाहे देशकी सीमाओंकी सुरक्षा हो, शिवाजी राजाकी ३५० वर्ष पूर्वकी राजनीति, समाजनीति, धर्मनीति तथा सुशासन वर्तमान समयमें भी मार्गदर्शक है; परंतु इतिहासने शिवाजी राजाके इस विशाल रूपको केवल योद्धकी प्रतिमामें बंद कर डाला है ।

२. इतिहासकारोंने सूरत मोहिमका ‘सूरतकी लूट’के रूपमें वर्णन किया है । यह इतिहासका विकृतीकरण एवं शिवाजी राजाका घोर अपमान है । इसके स्थानपर उन्होंने औरंगजेबको लूटा, ऐसा कहना चाहिए था ।

३. हिंदुस्थानमें एक भी भाषा नहीं, जिसने शिवाजी राजाके संदर्भमें न लिखा हो । शिवाजी एक महान राजा थे, जिनके संदर्भमें सभी भाषियोंको ज्ञान था ।

४. इस कार्यक्रमके लिए आमंत्रण देनेवाले पू. संभाजी भिडेगुरुजीका मैं आभारी हूं । उन्होंने मुझे कार्यक्रमके लिए आमंत्रित नहीं किया, अपितु आदेश ही दिया, जिसे मैं टाल ही नहीं सकता ।

५. शिवाजी राजाकी भूमिको मैं नमन करता हूं ! भारत कुशासनमुक्त हो, भारतमें सुशासन आए तथा इस पवित्र भूमिसे वैसी शक्ति प्राप्त हो, ऐसी प्रार्थना करता हूं ! जिजामाताको  प्रणाम एवं पू. भिडेगुरुजीका आभार मानता हूं !

पू. भिडे गुरुजीने छत्रपति शिवाजी महाराजके विशेष गुण बताए । उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदीजी वर्तमान समयके कार्यक्रमके आमंत्रणको सगाई समझें । यथार्थ रूपमें विवाह तो आगे है । आगामी लोकसभाके चुनावके उद्देश्यसे वे बोल रहे थे ।

गुरुजीने आगे कहा…

नरेंद्र मोदीको कार्यक्रमके मुख्य अतिथिके रूपमें रायगढपर आमंत्रित करनेका प्रमुख उद्देश्य यह है कि जिसप्रकार शिवाजी महाराजने हिंदवी स्वराज्य स्थापित किया, वही आदर्श आंखोंके समक्ष रखकर नरेंद्र मोदीको कार्य करना चाहिए । उसीप्रकार उन्हें भी भवानी माता एवं छत्रपति शिवाजी महाराजका आशीर्वाद मिले । जिसप्रकार छत्रपति शिवाजी महाराजने भारतमाताके कुमकुमकी रक्षा की वैसा ही नरेंद्र मोदी करें । छत्रपति शिवाजी महाराज स्वयं भारतमाताकी रक्षाके छत थे; इसलिए वे छत्रपति हुए । वे भारतमाताकी रक्षाके कवच थे । छत्रपति शिवाजी महाराज भारतमाताकी रक्षाके लिए ही भूतलपर अवतीर्ण हुए थे । छत्रपति शिवाजी महाराजका उदाहरण सामने रखकर नरेंद्र मोदी कृत्य करें । हम आपमें ही श्रीकृष्ण एवं श्रीरामको देखते हैं । उन्होंने जो कार्य किया, वैसा ही आदर्श कार्य आप भी करें !
गढकोट उपक्रमका उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि इस उपक्रमका मुख्य उद्देश्य है, इसके माध्यमसे युवकोंमें हिंदवी स्वराज्यकी प्रेरणा जागृत हो तथा उन्हें स्फूर्ति मिले ।

क्षणिकाएं

१. सभी धारकरी सवेरेसे गढपर चढते समय यशोगान (पोवाडे) एवं स्फूर्र्तिगीत लगाकर कहते हुए जा रहे थे । अतः गढपर जानेके पश्चात भी वे उत्साहपूर्ण थे ।
२. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष फडनवीस, विनोद तावडे, आनंद गीते उपस्थित थे ।
३. इस अवसरपर नरेंद्र मोदीने छत्रपति शिवाजी महाराजके मेघडंबरीके भी दर्शन लिए तथा छत्रपति शिवाजी महाराजकी समाधिको साष्टांग प्रणिपात किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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