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अफसरों ने रेप पीड़िता से कहा, ‘विधायक का नाम मत लेना, वरना परिवार को मरवा देंगे’

पौष शुक्ल पक्ष ७, कलियुग वर्ष ५११५


आगरा – विधायक के घर से नाबालिग की बरामदगी के मामले में पुलिस की गिरफ्त से छूटने के बाद नाबालिग लड़की ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने कहा कि पुलिस अफसरों ने धमकाया था कि अगर अदालत में विधायक का नाम लिया तो वह पूरे परिवार को मरवा देंगे। 

उसने बताया कि सिकंदरा इलाके से अगवा करके दो लोगों ने रेप किया था। जबरन उसका श्रृंगार करवाया गया। इसके बाद सिरसागंज के सपा विधायक और मुलायम सिंह यादव के रिश्‍तेदार हरीओम यादव के बंगले पर रखा गया था। पुलिस ने उसे यहां से आजाद करवाया।

रेप पीड़िता का कहना है कि बरामदगी के बाद पुलिस ने उसे धमकी दी। कभी विधायक का खौफ दिखाया तो कभी अपनी वर्दी का वास्‍ता दिया गया। पुलिस अधिकारियों और सिकंदरा के एक सब इंस्पेक्टर ने कोर्ट में सपा विधायक हरिओम यादव का नाम न लेने को कहा।  

उन्होंने कहा था कि वह बहुत बड़े आदमी हैं। तुम्हारे परिवार को नहीं छोड़ेंगे। हमारी नौकरी भी चली जाएगी। छोटे-छोटे बच्चे हैं। मैं बहुत डर गई थी, इसके बाद मैंने अपने बयान बदले थे। किशोरी के खुलासे के बाद अब उसके परिजन कोर्ट में दोबारा बयान दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

दरअसल, अपहरण के ४४ दिन बाद २७ दिसम्‍बर को समाजवादी पार्टी के फिरोजाबाद के सिसागंज विधायक हरिओम यादव के घर से नाबालिग लड़की बरामद हुई। बाह की रहने वाली १३ साल की लड़की को दबंगों ने करीब डेढ़ माह पहले सिकंदरा क्षेत्र के केके नगर से उठाया था।

अब अदालत में बयान देने के पांच दिन बाद खुद पीड़िता ने यह सनसनीखेज आरोप लगाए। उसे २६ दिसंबर को सिरसागंज के विधायक हरिओम यादव के बंगले से पुलिस ने बरामद किया गया था। नाबालिग ने शुरुआती बयान में इसका खुलासा किया था।  

तीन दिन महिला थाने में रखने के बाद पीड़ित किशोरी के पुलिस ने कोर्ट में कलमबंद बयान कराए। इस दौरान किशोरी के परिजनों को उससे नहीं मिलने दिया गया। कोर्ट में बयान के बाद किशोरी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

नाबालिग ने सोमवार को बताया कि उसे बाह का रहने वाला अंकुर यादव और अमित यादव अगवा करके ले गए थे। इसके बाद उसे इलाहाबाद में बंद कमरे बंधक बनाकर अंकुर और गांव के ही रहने वाले क्षम्मा ने रेप किया। इसके बाद २४ दिसंबर को उसे सपा विधायक हरिओम यादव के शिकोहाबाद स्थित बंगले पर ले जाया गया। 

यहां उसे साड़ी पहनवाई गई और जबरन श्रंगार कराया गया। इसके बाद २६ दिसंबर को जब उसके रिश्‍तेदार पुलिस के साथ पहुंचे तो विधायक ने उसे धमकाया। कहा गया था कि अगर मेरा नाम लिया तो तुम्हारे घर वालों की हत्या कर दी जाएगी। नाबालिग पीडि़ता ने बताया कि वह बहुत डर गई थी, इसके बाद उसने अपना बयान बदल दिया। अब उसके परिजन कोर्ट में दोबारा बयान दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

स्त्रोत : दैनिक भास्कर

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