नई दिल्ली– आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली में हुए दो अलग-अलग बम विस्फोट के मामलों में बरी कर दिया है। वर्ष १९९७ में करोलबाग व सदर बाजार में हुए बम धमाकों में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
इससे पहले अदालत मार्च में टुंडा को आतंकवादी और विघटनकारी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (टाडा) के एक मामले में भी बरी चुकी है। टुंडा मुंबई में हुए २६/११ के हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान से मांगे गए २० आंतकियों की सूची में भी शामिल था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह ने कहा कि ७३ वर्षीय टुंडा पर प्रथमदृष्टया मामले में सुनवाई करने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं है। हालांकि उसे अभी जेल में ही रहना पड़ेगा, क्योंकि उसके खिलाफ दिल्ली की अदालतों में कई मामले विचाराधीन हैं।
१ अक्टूबर, १९९७ को सदर बाजार में दो और २८ अक्टूबर, १९९७ को करोलबाग में एक बम धमाका हुआ था। टुंडा को भारत-नेपाल बार्डर से १६ अगस्त, २०१३ को गिरफ्तार किया था। उस पर देशभर में लगभग ४० आतंकी वारदात में शामिल होने का आरोप है, जिनमें से २२ केस दिल्ली में दर्ज हैं।
स्त्रोत : जागरण