नेपाल भूकंप पर ‘हिन्दु वार्ता’ की विशेष रिपोर्ट – १
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नेपाल भूकंप पर ‘हिन्दु वार्ता’ की विशेष रिपोर्ट – २
नेपाल में २५ अप्रैल को आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या ७३६५ तक पहुंच गगयी है और १४ हजार ३६२ लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने प्राकृतिक आपदा में मृतकों की संख्या १० हजार तक पहुंचने की आशंका जाहिरकी है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि भूकंप के कारण कम से कम १० हजार ६८० सरकारी इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं हैं और १४ हजार ६७७ सरकारी भवनों को नुकसान पहुंचा है। एक लाख ९० हजार ६६४ घर धाराशायी हो गए और करीब एक लाख ७३ हजार ५४७ घरों को क्षति पहुंची है। बयान में कहा गया कि भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित सिधुपालचौक जिला हुआ है जहां दो हजार ८२९ लोगों की मौत हुयी है । इसके बाद राजधानी काठमांडू में सर्वाधिक एक हजार २०२ लोगों की मौत हुयी है।
नेपाल ने विदेशी बचाव टीमों से वापस जाने को कहा
भारत और ३३ अन्य देशों की बचाव टीमों को नेपाल ने वापस जाने को कहा है क्योंकि यह विनाशकारी भूकंप से बेघर हुए लाखों पीड़ितों के पुनर्वास के लिए बड़ा अभियान शुरू करने वाला है। इस त्रासदी में ४१ भारतीयों सहित कम से कम ७, ३६५ लोगों की जानें गई हैं। यह फैसला भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) पर भी लागू होगा जिसकी नेपाल में सबसे बड़ी मौजूदगी है।
सोशल मीडिया पर नयी दिल्ली की सहायता कोशिशों को भारतीय मीडिया द्वारा महिमामंडित किए जाने की नेपालियों द्वारा आलोचना किए जाने के बाद यह फैसला किया गया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने देशों से अपनी ‘फर्स्ट रिस्पांस’ टीमों को हटाने को कहा है क्योंकि अब बचाव कार्य की बजाय राहत पर जोर होगा। मंत्रालय ने कहा, जैसा कि, नेपाल ने ३४ देशों को अपनी बचाव टीमें वापस बुलाने को कहा है। उन्हें अब मलबा हटाने वाले उपकरणों की जरूरत है और भारत से मदद मांगी है, एक आर्मी इंजीनियरिंग टीम आएगी।
जापान, तुर्की, यूक्रेन, ब्रिटेन और हालैंड की टीमों ने नेपाल छोड़ने का काम पहले ही शुरू कर दिया है। एनडीआरएफ प्रमुख ओपी सिंह ने कहा कि विदेशी बचाव टीमों को नेपाल सरकार द्वारा जाने को कहने के पीछे वजह यह है कि तलाश अभियान खत्म होने को है और मलबे से जीवित बचे लोगों के मिलने की बहुत कम संभावना है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर
अद्ययावत
- नेपाल भूकंप : मौत का आंकड़ा ७००० के पार, मृतकों में १९ भारतीय भी
- नेपाल में फिर भूकंप : ६६२१ मौतें, मलबों में अब किसी के बचे होने की उम्मीद नहीं
- नेपाल भूकंप : १५००० तक जा सकती है मरने वालों की संख्या
- नेपाल में भूकंप से मौतों का आंकडा ५३०० के पार, बढी बीमारियां
- अब पाकिस्तान में फिर आया भूकंप, नेपाल में मरनेवालोंकी संख्या ४५०० हुर्इ
- EXCLUSIVE : भूकंप से तबाह गोरखा में दबी हैं १००० लाशें, नहीं पहुंची मदद, अब तक ३३०० से अधिक लोगोंकी मौत
- नेपाल में भूकंप से अब तक २५०० से ज्यादा मरे, भारत में मरने वालोंकी संख्या ६५ हुर्इ
- नेपाल में जबरदस्त भूकंप से तबाही
- भारत में भूकंप से ५७ की मौत, प। बंगाल के मालदा में ४० बच्चे घायल
३ मर्इ २०१५
नेपाल भूकंप : मौत का आंकड़ा ७००० के पार, मृतकों में १९ भारतीय भी
काठमांडू : नेपाल गत शनिवार को एक बार फिर से भूकंप के झटकों से हिल गया जिससे भूस्खलन भी आया। 5.1 तीव्रता का भूकंप आया जिसका केंद्र गोरखा जिले का बरपाक गांव था। यह गांव पिछले शनिवार के विनाशकारी भूकंप के केंद्र के पास ही है। आपको बता दें कि पिछले शनिवार को आए भूकंप की तीव्रता ७.९ थी।
वहीं पिछले दिनों आए भूकंप में मरने वालों की संख्या ७१७६ तक पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक मरने वाले में १९ भारतीय भी शामिल हैं। नेपाल में राहत कार्य जारी है लेकिन कई इलाकों में अभी भी लोगों तक राहत सामग्री नहीं पहुंचने कारण उनमें खासा रोष भी है।
काठमांडू घाटी के कई क्षेत्र जरूरी खाद्य सामग्री से अब भी वंचित हैं, इससे लोग प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन पर उतर आए। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि खाने-पीने की जो चीज २० रुपए की है, वह अब ५० रुपए में उपलब्ध है। खाद्य और राहत सामग्री के वितरण में कोई पारदर्शिता नहीं है।
स्त्रोत : पंजाब केसरी
२ मर्इ २०१५
नेपाल में फिर भूकंप : ६६२१ मौतें, मलबों में अब किसी के बचे होने की उम्मीद नहीं
काठमांडू : शनिवार सुबह एक बार फिर नेपाल में भूकंप का आफ्टर शॉक आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता ४.५ थी। पिछले शनिवार को आए ७.९ तीव्रता के भूकंप के बाद से सौ से भी ज्यादा झटके महसूस किए जा चुके हैं। भूकंप से मरने वालों की संख्या ६६२१ हो गई है। नेपाल सरकार ने अब उम्मीद छोड़ दी है कि मलबे में दबा कोई व्यक्ति जिंदा बचा होगा।
नेपाल के होम मिनिस्टर लक्ष्मी प्रसाद धकाल ने कहा, ”आपदा के बाद एक हफ्ते का वक्त बीत चुका है। हम लोग रेस्क्यू में पूरी ताकत लगा रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब कोई मलबे के नीचे जिंदा बचा होगा।”
इधर, यूनिसेफ ने भूकंप प्रभावित नेपाल में महामारी फैलने की चेतावनी जारी की है। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में मानसून के दौरान स्थिति और भयावह हो सकती है।
बता दें कि पिछले शनिवार को रिक्टर पैमाने पर ७.९ तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसके बाद से नेपाल में भारतीय सेना के साथ कई देशों की रेस्क्यू टीम ऑपरेशन चला रही है, लेकिन अभी भी ग्रामीण इलाकों और काठमांडू के कुछ हिस्सों से पूरी तरह मलबा नहीं हटाया जा सका है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर
२ मर्इ २०१५
नेपाल भूकंप : १५००० तक जा सकती है मरने वालों की संख्या
काठमांडू : नेपाल भूकंप त्रासदी में अबतक लगभग ६ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग ११ हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। सेना प्रमुख ने इस आपदा में मरने वाले लोगों की संख्या १५००० पहुंच सकने की आशंका जताई है।नेपाल में शनिवार को आये भूकम्प के बाद राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। नेपाल के कुछ इलाकों में बारिश और फिर तेज़ धुप की वजह से सडकों पर जीवन जीने को मज़बूर लोगों की दिक्कतों में कई गुना इजाफा हो गया है। इसको देखते हुए भारत सरकार ने गुरूवार को ८४५० टेंट नेपाल भिजवाया है। इसमें से ७५० टेंट हवाई जहाज़ से नेपाल पहुंचाए गए हैं, वहीँ बाकी रोड और रेल मार्ग से ले जाये जा रहे हैं।स्त्रोत : एबीपी न्यूज
३० अप्रैल २०१५
नेपाल में भूकंप से मौतों का आंकडा ५३०० के पार, बढी बीमारियां
नर्इ देहली – नेपाल में भूकंप के बाद गुरुवार को छठा दिन है और मौत का आंकड़ा ५३०० के पार पहुंच गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन जोर-शोर से जारी है। बुधवार को करीब ९०० शव निकाले गए।नेपाल में गोरखा के अर्पिक गांव में भूकंप के बाद पांचवें दिन मदद पहुंची। यहां सेना ने राहत सामग्री बांटी। घायलों को बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचाया गया है। NDRF की टीम ने बुधवार को ६ मंजिला इमारत के मलबे से १० शवों को निकाला। वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने इजरायली मिलिट्री अस्पताल का दौरा किया और डॉक्टरों से जानकारी ली।इजरायल की टीम भी पीड़ितों के राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। इजरायल की २०० से ज्यादा नर्स इलाज में सहयोग कर रही हैं। उधर भूकंप पीड़ित नेपाल सरकार से नाराज हो गए हैं। उन्होंने जबरन उन्हें उनके ठिकानों से निकाले जाने का आरोप लगाया है।
राहत सामग्री न मिलने पर लोगों का प्रदर्शन
भूकंप से प्रभावित नेपाल के सैकड़ों नागरिकों ने बुधवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर राहत सामग्री उपलब्ध कराने में विफल होने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने गृहमंत्री बामदेव गौतम के इस्तीफे की मांग की। नेपाल के सैकड़ों नागरिकों ने बुधवार दोपहर के बाद काठमांडू शहर के मध्य में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते शनिवार को आए भूकंप में पीड़ितों को सहायता प्रदान करने में सरकार विफल हो रही है।इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई हो गई। काठमांडू में कई जगहों पर हजारों लोग अपने-अपने थैले लिए कतारों में खड़े हैं। उन्हें फिर से भूकंप आने का डर है। वे राहत सामग्री की कमी और महामारी फैलने की आशंका से भी भयभीत हैं। इस बीच मलबे में दबी लाशों की सड़ांध से महामारी का खतरा बढ़ गया है। करीब १ लाख लोग काठमांडू छोड़ चुके हैं, जबकि यह संख्या ५ लाख तक पहुंचने के आसार हैं।प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने आशंका जताई है कि देश में मरने वालों की संख्या १० हजार के पार भी जा सकती है। घायलों की तादाद भी १० हजार पार कर चुकी है। चार दिनों में काठमांडू और आस-पास ही ४५०० के करीब शव मिल चुके हैं।
बढ़ा बीमारियों का खतरा
मौसम विभाग ने नेपाल में आने वाले १० दिन तक बारिश का अनुमान जताया है। आपदा के बाद की बीमारियां फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है।भूकंप के बाद महामारी फैलने के डर से हजारों लोग काठमांडू छोड़ना चाहते हैं। मलबे में लाशें दबी होने से कई जगहों पर बदबू फैल गई है।नेपाली सेना के मुताबिक, ११ जिलों में ९००० किलोग्राम राहत सामग्री बांटी गई है। भारतीय सेना ने अब तक विमान के जरिये ७ जिलों से ७०० से ज्यादा घायलों की जान बचाई है।संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, भूकंप से ३९ जिलों में ८० लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से २० लाख सबसे ज्यादा प्रभावित ११ जिलों से ताल्लुक रखते हैं और ७५ फीसदी लोग काठमांडू के बाहर के हैं। प्रधानमंत्री कोईराला ने तीन दिन का शोक घोषित किया है।स्त्रोत : आज तक
२९ अप्रेैल २०१५
अब पाकिस्तान में फिर आया भूकंप, नेपाल में मरनेवालोंकी संख्या ४५०० हुर्इ
काठमांडू: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने नेपाल की मदद के लिए विश्व के सभी देशों से आगे आने की अपील की है। यूएन के मुताबिक, भूकंप के कारण ८० लाख लोग प्रभावित हुए हैं। १४ लाख लोगों के लिए तुरंत खाना, पानी जैसे राहत सामग्री की जरूरत है। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में ९४ हजार बच्चे फंसे हैं।LIVE UPDATES:12।12 PM : नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा- भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा दस हजार पार होगा।—————–11:42 AM: रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक पेशावर, दिर बाला, शांगला, स्वात, मलकंद, लोअर दिर और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके। तजाकिस्तान के सीमा इलाकों में रिक्टर पैमाने पर ५।५ तीव्रता वाले थे झटके। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं।11:39 AM: @PMOIndia ने ट्वीट कर बताया, ”पेशे से डॉक्टर केंद्रीय राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने नेपाल भूकंप पीड़ितों में डायबिटीज मरीजों के लिए फ्री में इंसुलिन भेजा है।”
11:02 AM: होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी जानकारी। एनडीआरएफ की टीम ने नेपाल में १००० लोगों को बचाया, ६७ शवों को निकाला।
10:45 AM: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राहत सामग्री के साथ भेजे गए १८ ट्रक काठमांडू पहुंचे।10:35 AM: नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए फेसबुक ने ‘donation button’ की शुरुआत की है।
8:40 AM: काठमांडू से २०७ भारतीयों के साथ इंडियन एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर सी-१७ पालम हवाई अड्डे पर उतरा
8।20 AM: रक्षा मंत्रालय के प्रमुख प्रवक्ता Sitanshu Kar @SpokespersonMoD ने एक ट्वीट कर जानकारी दी की भारतीय सेना और वायुसेना के हेलिकॉप्टर नेपाल के ग्रामीण इलाकों तक पहुंच चुके हैं। भूकंप के बाद दूर-दराज इलाकों में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश जारी।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर
२७ एप्रिल २०१५
EXCLUSIVE : भूकंप से तबाह गोरखा में दबी हैं १००० लाशें, नहीं पहुंची मदद, अब तक ३३०० से अधिक लोगोंकी मौत
काठमांडू/गोरखा (नेपाल) – नेपाल में शनिवार को आए भूकंप के बाद से ६६ छोटे-बड़े झटके आए हैं। भूकंप में मरने वालों की संख्या आधिकारिक तौर पर ३३०० को पार कर गई है। लेकिन, इसमें गोरखा में मरे लोग शामिल नहीं हैं। भूकंप ने काठमांडू के बाद सबसे ज्यादा गोरखा क्षेत्र में तबाही मचाई है। इस क्षेत्र में १००० से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनकी लाशें यूं ही पड़ी हैं। एक हजार से ज्यादा लोग घायल पड़े हैं। दो हजार से ज्यादा लोग अभी भी यहां पर फंसे हुए हैं, लेकिन यहां अब तक राहत के लिए कोई नहीं पहुंच पाया है। काठमांडू जाने के क्रम में गोरखा के डीएसपी अर्जुन चंद्र का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने में अभी दो से तीन दिन लग सकते हैं। चट्टानें गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं। दुर्गम क्षेत्र होने के कारण यहां पर हेलिकॉप्टर भी नहीं उतारा जा सकता है। इन क्षेत्रों के तकरीबन ९० प्रतिशत मकान ध्वस्त हो गए हैं। मकान धंसने के कारण ही ज्यादातर मौतें हुई हैं।स्त्रोत : दैनिक भास्कर
२६ एप्रिल २०१५
नेपाल में भूकंप से अब तक २५०० से ज्यादा मरे, भारत में मरने वालोंकी संख्या ६५ हुर्इ
काठमांडू – नेपाल में शनिवार को आए भूकंप से मरने वालों की संख्या २५०० पार हो गई है। हालांकि नेपाल के गृह मंत्रालय की ओर से अभी तक १९५० लोगों के मरने की पुष्टि की गई लेकिन संख्या बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। नेपाल की लोकल मीडिया के मुताबिक ग्रामीण इलाकों के मलबे में फंसे लोगों का निकालने का काम अब भी जारी है। जानकारी के मुताबिक सिर्फ काठमांडू में ७२१ लोगों की मौत हुई है।
सुबह से आज चुके हैं भूकंप के ६ झटके
रविवार सुबह पौने पांच बजे से अबतक ६ बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। सबसे बड़ा भूकंप नेपाल के लिमजुंग में सुबह रिक्टर पैमाने पर ५।६ तीव्रता वाला था। सरकार की ओर से अगले ७२ घंटे भूकंप की चेतावनी दी गई है। इस बीच, मौसम खराब हो जाने के कारण बचाव व राहत कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
भारतीय सेना ने नेपाल में शुरू किया ‘ऑपरेशन मैत्री’
भारतीय सेना ने नेपाल में बचाव कार्य के लिए ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू कर बचाव कार्य तेज कर दिया है। एनडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुट गई हैं। एनडीआरएफ के डायरेक्टर जनरल ओपी सिंह रविवार को हालात का जायजा लेने नेपाल जाएंगे। हिंडन एयर फोर्स के एओसी ने बताया कि दो C-17 ग्लोबमास्टर विमानों को हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से रवाना किया गया है, जो कि काठमांडू में लैंड कर चुके हैं।
पशुपतिनाथ मंदिर को भी पहुंचा नुकसान
नेपाल के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर को भी भूंकप के कारण आंशिक नुकसान हुआ है। मंदिर के बगल में एक इमारत ढह गई, जिसके कारण मंदिर के बगल में मलबा जमा हो गया है। मंदिर के एक पुजारी ने बताया, ” यहां त्रासदी पूर्ण स्थित है, फिर से सबकुछ ठीक होगा या नहीं कोई नहीं जानता। भगवान का नाम लेने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प ही नहीं। सरकार ने मंदिर परिसर से दूर रहोने को कहा है। लोग कह रहे हैं कि ७२ घंटे में कभी भी भूकंप आ सकता है।”स्त्रोत : दैनिक भास्कर
२५ एप्रिल २०१५
नेपाल में जबरदस्त भूकंप से तबाही
३ लाख विदेशी पर्यटक फंसे
नई दिल्ली – शनिवार को नेपाल, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में आए भूकंप में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा, काफी लोग घायल भी हुए हैं। कई इमारतें जमींदोज हो गई हैं। सबसे ज्यादा नुकसान नेपाल में हुआ है। यहां 1500 से भी ज्यादा मौतें हुई हैं। बाकी मौतें भारत में हुई हैं। नेपाल में नौमंजिला धारहारा टावर, दरबार स्क्वेयर तबाह हो चुके हैं। जानकी मंदिर को भी नुकसान पहुंचा है।नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने नेपाल में गुमशुदा लोगों से जुड़ी जानकारी के लिए ये हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं 011-26701728, 011-26701729, 09868891801काठमांडू स्थित भारतीय एंबेसी का हेल्पलाइन नंबर है +9779851107021, +9779851135141गूगल ने भी पर्सन फाइंडर लॉन्च किया है।
भूकंप का असर
- नेपाल में भूकंप से मरने वालों की तादाद 1500 पहुंची।
- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का एलान- 250 भारतीयों को वायुसेना नेपाल से वापस लाएगी।
- एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल में 3 लाख विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं।
- बीएसएनएल नेटवर्क से नेपाल को अगले तीन दिन तक किए गए कॉल पर लोकल चार्ज लगेगा।
- धारहारा टावर से 180 शव निकाले गए। तबाह हो चुकी है यह ऐतिहासिक मीनार।
- पीएम मोदी ने दी नेपाल में आए भूकंप पर प्रतिक्रिया। कहा-नेपाल की पीड़ा भारत की पीड़ा।
- भारतीय राहतकर्मियों की एक टीम नेपाल पहुंची। टीम में सर्च डॉग भी शामिल।
- एवरेस्ट बेस कैंप से 18 शव निकाले गए। यहां कैंप करने गई इंडियन आर्मी की टीम ने 13 शवों को निकाला।
- नेपाल में आए भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 758 पहुंचा।
- काठमांडू में भारतीय दूतावास में मकान गिरा, दूतावास के कर्मचारी की बेटी की मौत ।
- भारत के 125 लोग नेपाल में फंसे। अधिकतर तेलंगाना और महाराष्ट्र के लोग।
- एवरेस्ट के बेस कैंप में हिमस्खलन की वजह से 8 की मौत की खबर।
- राजनाथ सिंह ने नेपाल की पूरी मदद करने का भरोसा दिया, पीएम के घर बैठक खत्म।
- नेपाल की मदद के लिए भारत के हिंडन एयरबेस से प्लेन रवाना।
- नेपाल में अभी तक भूकंप के कुल 17 झटके।
- काठमांडू में योग शिविर के लिए मौजूद बाबा रामदेव खुद भूकंप से बाल-बाल बचे। बाबा ने कहा, मैंने पहली बार इस तरह की तबाही का मंजर देखा।
- भारतीय सेना की एक टुकड़ी सुरक्षित, कचरा हटाने के मकसद से एवरेस्ट के इलाके में गई थी।
- काठमांडू के अस्पताल भरे। सड़कों पर किया जा रहा लोगों का इलाज।
- काठमांडू स्थित मशहूर 9 मंजिला धारहारा मीनार गिर गई। इस मीनार को नेपाल का कुतुबमीनार कहते हैं। यहां चढ़ कर नेपाल का व्यू देखने के लिए 160 लोगों ने टिकट लिए थे।
- काठमांडू में यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया दरबार स्क्वेयर पूरी तरह तबाह हो चुका है।
- जनकपुर में जानकी मंदिर भी तबाह हो चुका है। इसे सीता का जन्मस्थल माना जाता है।
- एवरेस्ट के इलाके में हिमस्खलन की खबर है। दो बेस कैंप के पूरी तरह तबाह होने के साथ ही कुछ पर्वतारोही भी लापता हैं।
- नेपाल में कई इमारतें जमींदोज हो गई हैं। सड़कें भी टूट गई हैं।
- भारत से एनडीआरएफ की टीम भेजी जाएगी।
- नेपाल का इंटरनेशनल एयरपोर्ट बंद। सभी विमान भारत की ओर डायवर्ट किए गए।
कब और कहां आया भूकंप
दिल्ली समेत भारत के कई शहरों और पड़ोसी पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश में शनिवार सुबह भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। पहला 11।41 बजे और दूसरा 12:19 बजे। भूकंप का केंद्र नेपाल में काठमांडू से 77 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में पोखरा में था। वहां भूकंप की तीव्रता 7।8 थी। पोखरा, काठमांडू, भरतपुर, भुटवल, लुंबिनी, तिलोत्तमा, लुंबनी, भैरवा, लामजुम में झटके महसूस किए गए। नेपाल में आज छुट्टी का दिन था। इस कारण कई इलाकों में काफी भीड़ थी। इस वजह से जान का नुकसान ज्यादा हुआ है।
81 साल बाद नेपाल में आया ऐसा भूकंप
हिमालय की गोद में समाया पूरा नेपाल भूकंप के फॉल्ट जोन में है। नेपाल के बीच में से महेंद्र हाईवे फॉल्ट लाइन गुजरती है। यह तराई इलाकों और पहाड़ी इलाकों को क्रॉस करती है। यहां 1934 में सबसे ताकतवर भूकंप आया था। उसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 8।4 थी। इसी फॉल्ट लाइन के कारण शिलॉन्ग में भी 1897 में 8।5 तीव्रता वाला भूकंप आ चुका है। यह फॉल्ट लाइन उत्तराखंड से आगे दिल्ली तक जाती है। यही वजह है कि नेपाल में भूकंप का केंद्र होने के बाद भी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर भारत में भी झटके महसूस किए गए।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर
२५ एप्रिल २०१५
भारत में भूकंप से ५७ की मौत, प। बंगाल के मालदा में ४० बच्चे घायल
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सिर्फ बिहार में १६ मरे
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पंतप्रधान मोदी ने बुलाई बैठक
नई दिल्ली – नेपाल में शनिवार को आए भूकंप का देश की राजधानी दिल्ली सहित भारत के कई हिस्सों पर पड़ा है। भूकंप के कारण भारत में कुल २२ लोगों की मौत हुई। सिर्फ बिहार में १७, यूपी में पांच और एक व्यक्ति की मौत पश्चिम बंगाल में हुई है। बता दें कि नेपाल के पोखर में रिक्टर पैमाने पर ७।९ तीव्रता वाले भूकंप का असर नेपाल की सीमा से सटे राज्यों पर पड़ा। उत्तर भारत के राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल, सिक्किम में तबाही देखी गई। दिल्ली में भूकंप की तीव्रता ५ रिक्टर पैमाने पर महसूस की गई है।
वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कर रहे हैं मोदी
भूकंप के बाद राज्यों में नुकसान और व्यवस्था का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। दोपहर तीन बजे यह बैठक पीएमओ में शुरू हुई जहां एनडीआरएफ के अलावा पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं। इस बीच आपदा मंत्री राजीव प्रताप ने रूडी ने पीएम को भूकंप को लेकर रिपोर्ट सौंपी है।
भारत में कहां-कहां भूकंप
भारत के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, सिक्किम, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, जयपुर सहित कई राज्यों में भूकंप आए। मौसम विशेषज्ञ एसके शर्मा का कहना है कि भारत में बिहार, प। बंगाल के आसपास के इलाकों में भूकंप सबसे ज्यादा असरदार था। नेपाल में भूकंप ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है।
भारत में सबसे ज्यादा तबाही बिहार में
बिहार में भूकंप के ६ झटके महसूस किए गए हैं। नेपाल से सटे होने के कारण भूकंप के सबसे ज्यादा झटके महसूस किए गए और १७ लोगों की मौत हो गई। ४ दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं। भूकंप के कारण मोतिहारी में ४, दरभंगा में ४, सीतामढ़ी में ३, मधुवनी में २, शिवहर में १, आरा में १, बेतिया में १ और सोनपुर में १ की मौत हो गई है। इसके साथ ही दो दर्जन से ज्यादा मकानों के गिरने की सूचना है। बिहार में सुबह ११।४० बजे सबसे पहला झटका महसूस किया गया। सबसे ज्यादा भूकंप के झटके मोतिहारी, दरभंगा, पूर्णिया, गया और सीतामढ़ी में महसूस किए गए। सबसे ज्यादा असर मोतिहारी में दिखा यहां ४ लोगों की मौत हो गई है। दरभंगा में मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल हैं। पटना में पांच बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके से पटना के पीएम मॉल में दरार आ गई है जिसके बाद जिला प्रशासन ने मॉल को खाली करवा दिया।
उत्तर प्रदेश में पांच लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने किया मुआवजा का एलान
उत्तर प्रदेश में भूकंप के झटके करीब तीन मिनट तक प्रभावी रहे। पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बाराबंकी और अन्य हिस्सों में ज्यादा तबाही देखी गई। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में छत का छज्जा गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि एक इमारत ढहने से कानपुर में दो बच्चों की मौत हो गई है। राज्य सरकार ने स्कूल कालेज बंद करने के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को तत्काल अपने अपने क्षेत्र में जाने के आदेश दिए, ताकि नुकसान का आकलन किया जा सके। यूपी सरकार ने भूकंप में मरने वालों के परिजनों को २ लाख और घायलों को २० हजार बतौर मुआवजा देने का एलान किया है।
भूकंप के कारण बंगाल में निकाय मतदान प्रभावित
शनिवार को भूकंप के कारण पश्चिम बंगाल में निकाय चुनाव प्रभावित हो हुआ। दोपहर १२ बजे के करीब मुर्शिदाबाद, सिलीगुड़ी सहित कई शहरों में पोल बूथ पर मतदान रोक दिया गया। इस बीच सिलीगुड़ी में एक इमारत का हिस्सा गिरने से दस लोग घायल हो गए।
भोपाल में कैबिनेट की बैठक ले रहे थे शिवराज
भोपाल में भूकंप के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट की बैठक कर रहे थे। वह तत्काल बाहर निकल गए और राजधानी स्थित मंत्रालय की तीनों बिल्डिंग (वल्लभ भवन, विंध्याचल भवन और सतपुड़ा भवन) खाली करा ली गईं।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर