ऑस्ट्रेलिया के एक इस्लामी कॉलेज ने ‘वर्जिनिटी भंग होने’ की आशंका को लेकर अपनी छात्राओंको रेस में हिस्सा लेने से रोक दिया है। द ऐज अखबार की खबर के अनुसार स्कूल नियामक विक्टोरियन रजिस्ट्रेशन एंड क्वालीफिकेशंस ऑथोरिटी (वीआरक्यूए) यहां के अल-तकवा कॉलेज में लड़कियोंको दौड़ में हिस्सा लेने से रोकने के मामले की जांच कर रही है।
खबर में कॉलेज के एक पूर्व टीचरद्वारा इस हफ्ते शिक्षा मंत्रियोंको भेजे गए एक पत्र का हवाला दिया गया जिस में स्कूल द्वारा छात्रोंके साथ किए जा रहे भेदभाव की बात कही गई है।
इसमें कहा गया, ‘प्रिंसिपल का मानना है कि अगर लड़कियां ज्यादा दौड़ेंगी तो उनकी ‘वर्जिनिटी भंग’ हो सकती है। प्रिंसिपल का मानना है कि वैज्ञानिक सबूतोंसे पता चलता है कि अगर लड़कियां चोटिल हो गईं जैसे कि फुटबॉल खेलते हुए अगर उनका पैर टूट गया तो इससे वह बांझ हो सकती हैं।’
प्रिंसिपल उमर हलाक पर लड़कियोंको खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से रोकने का आरोप लगाया गया है क्यों कि उन्हें लगता है कि संभावित चोटोंसे वे बांझ हो सकती हैं।
अखबार के अनुसार हलाक ने इससे पहले दावा किया था कि इजरायल और अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह के निर्माण की साजिश रची है।
हालांकि खबर के मीडिया में आने के बाद स्कूल प्रशासन ने इसका खंडन करते हुए एक बयान जारी किया है जिस में यह कहा गया है, ‘मीडिया में रिपोर्ट के उलट अल तवा कॉलेज की छात्राएं लॉन्ग जंप, हाई जंप, शॉर्ट पट, डिस्कस, एथलेटिक्स समेत सभी ट्रैक ऐंड फील्ड खेलोंके साथ ही क्रिकेट, हॉकी, बास्केटबॉल, टेनिस, नेटबॉल में खेलती हैं।’
स्त्रोत : आज तक