नेपाल के चितवन में नेपाल के १३४ संगठनोंद्वारा ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित होने हेतु संयुक्त रूप से स्थापित ‘सनातन हिन्दू मोर्चे’ की जिलास्तरीय बैठक संपन्न !
चितवन (नेपाल) : जिसप्रकार अंग्रेजोंने ‘फूट डालो एवं राज्य करो’ तत्व प्रयुक्त किया, उसीप्रकार हिन्दू जनजागृति समिति ‘संगठन एवं लडाई’ (युनाईट एंड फाईट) तत्त्व के अनुसार कार्य कर रही है।
प्रत्येक समय संघर्ष करने पर ही धर्मसंस्थापना हुई है एवं हमें भी संघर्ष करना पडेगा। इस लिए हमें मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक संघर्ष के लिए सिद्ध रहना चाहिए, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने उपस्थित लोगोंका मार्गदर्शन करते समय ऐसा प्रतिपादन किया।
हाल ही में नेपाल के चितवन में नेपाल के १३४ संगठनोंद्वारा ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित होने हेतु संयुक्त रूप से स्थापित ‘सनातन हिन्दू मोर्चे’ की जिलास्तरीय बैठक हुई।
इस अवसर पर पू. डॉ. पिंगळे ने कहा,
१. लोकतंत्र के जनक राष्ट्र भारत एवं नेपाल में ‘लिबरलाइजेशन’ के नाम पर बहुपक्षीय लोकतंत्र को प्रोत्साहन देते हैं; परंतु अपने स्वयं के राष्ट्र में द्विपक्षीय लोकतंत्र चलाते हैं।
२. हमें लोकतंत्र नाम का मीठा विष पिलाया जा रहा है, जहां कुछ लोग एकत्र आकर देश का संविधान बनाते हैं। क्या यह लोकतंत्र है ?
३. ‘हिन्दू राष्ट्र’ अर्थात निश्चित रूप से जनहितकारी धर्माधिष्ठित राज्यव्यवस्था ! इस व्यवस्था को लाने हेतु हमें धर्माचरण करना चाहिए; क्यों कि धर्म आचारमूलक है एवं धर्मपरायण हुए बिना धर्म की रक्षा नहीं होती।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात