गीता एक बार फिर सुर्खियाें में है।
मध्य प्रदेश सूबे के गृह मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गाैर ने कहा है कि अगर आप रोजाना गीता पढ़ें और उसके अनुसार आचरण करें तो न अापकी अांखाें काे कभी चश्मा चढ़ेगा अाैर न ही कभी शुगर हाेगी।
गौर ने भोपाल में एक कार्यक्रम में हिंदुअाें के धार्मिक ग्रंथ श्रीमद् भगवद्गीता की खूबियां गिनाते हुए ये कहा। शुक्रवार से भोपाल के लालपरेड ग्राउंड पर तीन दिन का गीता फेस्ट शुरू हुअा है। हरियाणा के गवर्नर कप्तान सिंह साेलंकी ने इसका उद्घाटन किया।
‘कृष्ण का वंशज हूँ’
इसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान के अलावा देश के कई साधु संत अाैर महामंडलेश्वर भी अपनी बात रखेंगे। गाैर खुद काे कृष्ण का वंशज बताते हैं तथा गीता काे राेजाना पढने का दावा करते हैं।
गौर शुक्रवार को भी पूरी धुन में थे। उन्हाेंने विज्ञान काे चुनाैती देने के अंदाज में तर्क दिया कि गीता वास्तव में एक जीवन शैली है। गौर ने कहा कि वह स्वयं चूंकि गीता के बताए मार्ग पर चलकर कर्म करते हैं, इसलिए इसके फ़ायदे बता सकते हैं।
गाैर का दावा है कि गीता के नियमित पाठ से ब्लड प्रेशर, अपच अाैर गैस जैसी शारीरिक परेशानियाें से भी बचा जा सकता है।
‘गीता को जानना जरूरी’
हरियाणा के राज्यपाल साेलंकी का कहना था कि जो लोग भारत के बारे में नहीं जानते उन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं है। जो भारत में रहता है, उसे गीता को जानना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म एक जीवन पद्धति है और इसका पाठ घर से ही शुरू होना चाहिए।
इस बीच कांग्रेस ने गीता फेस्ट के अायाेजन पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, लिहाजा यहां की शिक्षण संस्थाअाें में सभी धर्माें का सम्मान हाेना चाहिए। पिछले विधानसभा चुनावाें के ठीक पहले अगस्त २०१३ में राज्य सरकार ने प्रदेश के मदरसाें में गीता की शिक्षा काे अनिवार्य कर दिया था।
हालांकि इसके व्यापक विराेध के बाद नाेटिफिकेशन के पांच दिन के भीतर ही सरकार काे अपना अादेश वापस लेना पड़ा था।
स्त्रोत : बी बी सी