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‘आलटून पालटून’ नाटकमें देवी-देवताओंका अश्लील अनादर !

हिंदुओ आपके श्रद्धास्थानपर आघात करनेवाले इस नाटकका वैध मार्गसे विरोध करें ।

हिंदु जनजागृति समितिका विरोध !

पुणे, ८ अगस्त (वार्ता.) – अभिराम भडकमकर लिखित एवं समीर विद्वांस दिग्दर्शित ‘आलटून पालटून’ नाटकमें भगवान शंकर, पार्वती, श्री विष्णु आदि हिंदु देवी-देवताओंका अश्लील पद्धतिसे अनादर किया गया है । (हिंदु असंगठित होनेसे ही उनके श्रद्धास्थानोंका अनादर करनेवाले नाटक बेधडक सिद्ध किए जाते हैं ! – संपादक)

इस नाटकके विरोधमें हिंदु जनजागृति समितिद्वारा निर्माताको निवेदन दिया गया; परंतु पुलिसद्वारा इस नाटकके विरोधमें प्रदर्शन करनेकी अनुमति न मिलनेसे हिंदुओंके श्रद्धास्थानोंपर आघात करनेवाला यह नाटक संपन्न हुआ । (क्या पुलिस अन्य पंथियोंकी धर्मभावना दुखानेवाले नाटकको अनुमति एवं संरक्षण देती ? निर्माता एवं पुलिसकी ऐसी हिंदुद्वेषी भूमिकाके कारण यदि हिंदुओंकी सहनशीलता समाप्त हो जाए, तो इसमें हिंदुओंका कोई दोष नहीं । – संपादक)

१० जुलाई को समितिके कार्यकर्ताओंने नाटकके प्रमुख अभिनेता प्रसाद ओकसे मिलकर नाटकसे देवी-देवताओंका अनादरवाला अंश निकालनेकी मांग की । श्री. ओकने कहा, ‘‘मैं नाटकका केवल एक पात्र हूं  । हमें दिग्दर्शकके मार्गदर्शनके अनुसार ही करना होता है । इस नाटकको ‘परिनिरीक्षण मंडल’द्वारा अनुमति प्राप्त है । आप निर्मातासे चर्चा कीजिए ।’’ यह नाटक ७ अगस्तको बालगंधर्व रंगमंदिरमें संपन्न हुआ । नाटकके पूर्व समितिके प्रतिनिधिमंडलने बालगंधर्व रंगमंदिरके व्यवस्थापक श्री. परदेशीको निवेदन देकर यह प्रयोग निरस्त करनेकी विनती की । तत्पश्चात् पुलिससे इस नाटकके विरोधमें निवेदनद्वारा शांतिसे प्रदर्शन करने हेतु अनुमति मांगी गई; परंतु पुलिसने कार्यकर्ताओंपर ही कलम १४९ के अनुसार अधिसूचना देकर उन्हें प्रदर्शनसे रोका । (धर्मभावनाओंपर आघात हो रहा है, यह बतानेवालोंको ही अधिसूचना देना, यह पुलिसका वैâसा उलटा न्याय है ! – संपादक)

नाटककी आक्षेपार्ह बातें !

१. भगवान श्री विष्णु एवं पार्वतीको सूत्रधारकी भूमिकामें दर्शाया गया ।
२. श्री विष्णु कहते हैं, ‘‘वर्तमानमें मानव ‘मेट्रोसेक्श्युअल’ हो गया है ।’’
३. पार्वती कहती हैं, ‘‘आप शंकरको भोलेनाथ, भोलेनाथ कहते हैं; परंतु वे सदैव नागके स्थानपर नागिनको ही लपेटकर जाते हैं ।
४. अन्य प्रसंगमें पार्वती कहती हैं, ‘‘संपूर्ण पृथ्वी विनाशकी ओर जा रही है । आपका विभाग असफल रहा ।’’
५. श्री विष्णु तथा लक्ष्मी, प्रेमी एवं प्रेमिकाको स्नान करते हुए देख रहे हैं ।

इसे पढकर जिसका रक्त न खौले, वह हिंदु ही नहीं !

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