संभाजीनगर (महाराष्ट्र) : यहां के महानगरपालिका चुनाव में ‘मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन’ दल के (एमआइएम के) २५ नगरसेवक चुनकर आए। तत्पश्चात उन्होंने पत्रकार परिषद का आयोजन किया।
उस समय एमआइएम के विधायक इम्तियाज जलील ने यह वक्तव्य दिया कि ‘औरंगाबाद’ का नामकरण ‘संभाजीनगर,’ ऐसा कभी भी नहीं करने देंगे।’ (इससे यही स्पष्ट होता है कि एमआइएम के प्रत्येक जनप्रतिनिधि में कितनी धर्मांधता है ? ऐसी धर्मांधता को हटाने के लिए हिन्दुओंको धर्मशक्ति बढानी ही चाहिए अर्थात साधना करना तथा संगठित होना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
जलील ने यह वक्तव्य दिया कि
१. चुनाव से पूर्व शिवसेना-भाजपा गठबंधन ने सर्वसाधारण सभा में यह प्रस्ताव सम्मत किया था; किंतु न्यायालयने उसे अस्वीकृत कर दिया।
२. अब सर्वोच्च न्यायालय में इस संदर्भ की लडाई आरंभ है। हम वहां लडकर सदा के लिए इस विषय को निर्णयात्मक करेंगे ही।
३. एमआइएम के सर्व नगरसेवकोंको एमआइएम के भाग्यनगर के ‘दारूस्सलाम’ के मुख्यालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
४. सर्व नगरसेवकोंपर नेता सूक्षमता से ध्यान रखेंगे।
५. हमारे दल में कोई भी प्रवेश कर सकता है। (जनतंत्र का गुणगान करनेवाले ऐसे जनप्रतिनिधियोंको लगाम न डालनेवाला यह जनतंत्र, अब बहुत हो गया ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात