पौष शुक्ल पक्ष ९, कलियुग वर्ष ५११५
राष्ट्रीय धर्मसभाके प्रमुख डॉ. माधव भट्टरायजीको सनातनके ग्रंथ एवं उत्पाद भेट देते हुए पू. डॉ. पिंगळे |
राष्ट्रीय धर्मसभा नेपालकी ओरसे आयोजित कार्यक्रममें उपस्थित मान्यवर |
नेपालके जिज्ञासु, धर्मप्रेमी और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनोंके आमंत्रणके अनुसार ८ दिसंबरसे हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी कुल १० दिनकी नेपालयात्रापर गए थे । पू. डॉ. पिंगळेजीने नेपालके धर्मप्रेमी, हिंदुत्वनिष्ठ, राजकीय दलोंके नेता, पत्रकार और पुजारियोंसे भेटवार्ताएं कीं और उन्हें भारतमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा हो रहे हिंदु राष्ट्र-स्थापनाके कार्यसे अवगत कराया ।
इस यात्रामें समितिके प्रयाग (इलाहाबाद)के समन्वयक श्री. गुरुराज प्रभु एवं स्पिरिच्युअल साइन्स रिसर्च फाऊंडेशनकी नेपाल स्थित सत्संग सेविकाकु. सानु थापा सहभागी हुए ।
९ दिसंबर २०१३
सवेरे ९ बजे – स्पिरिच्युअल टूर्स एंड ट्रैवलस्के प्रमुख श्री. भारत शर्माने पू. डॉ. पिंगळेजी और नेपालके राजगुरु डॉ. माधव भट्टरायजीसे भेंटवार्ताका नियोजन किया । उन्होंने विश्व हिंदू महासंघ और देवघाटके गुरुकुलके लिए पू. डॉ. पिंगळेजीके मार्गदर्शनका नियोजन किया ।
डॉ. माधव भट्टरायका संक्षिप्त परिचय : डॉ. माधव भट्टराय, नेपालके राजाके राजपुरोहित अर्थात धार्मिक परामर्शदाताके रूपमें कार्य कर रहे थे । पुरीपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंदसरस्वतीजी महाराजके अनुयायी डॉ. माधव भट्टराय आध्यात्मिक ग्रंथोंका लेखन भी करते हैं । उनके २४ सहयोगी ६०० गणसंख्यावाली नेपालकी संसदके सदस्य हैं । इन अनुयायियोंके माध्यमसे वे नेपालका राज्यसंविधान धर्माधिष्ठित होनेके लिए प्रयत्नशील हैं ।
दोपहर १२.३० – नेपालके संहिताशास्त्री श्री. अर्जुन प्रसाद बस्तोलासे भेंट : डॉ. माधव भट्टरायने पू. डॉ. पिंगळेजीकी नेपाल शासनके पंचांग निर्णायक समितिकेके सदस्य, नेपाल युनिवर्सल सनातन फाऊंडेशनके अध्यक्ष और सांगवेद विद्यालय, नेपालके मुख्य परामर्शदाता श्री. अर्जुन प्रसाद बस्तोलासे भेट करवाई । श्री. बस्तोलाने पू. डॉ. पिंगळेजीको उनके कार्यमें साथ देनेका अभिवचन दिया ।
संध्या ६ से ८ – हिंदू जनजागृति नेपालके संस्थापक प्रा. गोविंद उपाध्यायकी भेट : मार्च २०१३ में श्री. रमेश शिंदेजीसे नेपालमें मिलनेके उपरांत प्रा. उपाध्यायने हिंदू जनजागृति समितिसमान हिंदू जागरण नेपालकी स्थापना की । रूसमें कुछ माहपूर्व भगवद्गीतापर आनेवाले संभाव्य प्रतिबंधके विरोधमें किया आंदोलन, इस संगठनका प्रथम आंदोलन था; जिसे प्रसिद्धिमाध्यमों तथा समाजकी ओरसे अच्छा प्रतिसाद मिला । यह संगठन नेपालके हिंदुओंके न्यायाअधिकारोंके लिए आंदोलन करता है ।
१० दिसंबर २०१३
सवेरे ११ – पत्रकार निरंजन ओझासे भेट : नेपाल पत्रकार मंचके अध्यक्ष श्री. निरंजन ओझा और उनके सहयोगी पत्रकार श्री. लक्ष्मण पंथीद्वारा पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजीसे हिंदू जनजागृति समितिके भारतमें हो रहे कार्यके विषयमें चर्चा करनेपर उनकी शंकाआका निरसन हुआ । उन्होंने दूसरे दिन पू. डॉ. पिंगळेजीका अन्य हिंदुत्वनिष्ठ पत्रकारोंके साथ चर्चासत्र आयोजित किया ।
दोपहर ३ बजे – हिंदुत्वनिष्ठ स्तंभलेखक श्री. शंकर पौडेलसे भेट : पू. डॉ. पिंगळेजीने योगी नरहरी नाथ ट्रस्ट आध्यात्मिक परिषदके अध्यक्ष व विश्व हिंदू महासंघके उपाध्यक्ष श्री. शंकर पौडेल, जो हिंदुत्वनिष्ठ स्तंभलेखक हैं और अनेक हिंदुत्वनिष्ठ संगठनोंसे संबंधित हैं, उनसे भेट की । इस अवसरपर श्री. कालीप्रसाद उपरेटी भी उपस्थित थे ।
११ दिसंबर २०१३
संध्या ५.३० से ७.३० – नेपालके पत्रकारोंसे वार्तालाप : नेपालके पत्रकारोंने पू. डॉ. पिंगळेजीसे वार्तालाप किया । इस समय १० हिंदुत्वनिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे । वार्तालापके उपरांत पत्रकारोंने हिंदू जनजागृति समितिद्वारा स्थापित देशभक्त पत्रकार मंचसे संलग्न होकर समाचारोंका आदान-प्रदान कर संगठितरूपसे कार्य करनेकी इच्छा प्रदर्शित की ।
१२ दिसंबर २०१३
दोपहर २ बजे – राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पक्षके पदाधिकारियोंसे भेट : डॉ. माधव भट्टरायने नेपाल हिंदु राष्ट्र होना चाहिए, इसलिए प्रयत्नरत राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पक्षके पदाधिकारियोंसे पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजीकी भेट करवाई । कुछ समय पूर्व ही हुए चुनावोंमें इस पक्षके २४ प्रत्याशी निर्वाचित हुए हैं ।
हिंदू जागरण नेपाल संगठनके कार्यकर्ताओंके लिए प्रशिक्षण कार्यशाला : पू. डॉ. पिंगळेजीके मार्गदर्शनमें हिंदू जागरण नेपाल संगठनके कार्यकताओंके लिए प्रशिक्षण कार्यशालाका आयोजन किया गया । इस प्रशिक्षण कार्यशालामें धर्मजागृतिसे संबंधित अभियान कैसे चलाएं ? तथा वैधानिक मार्गसे आंदोलन कैसे करें ? इन विषयोंपर पू. डॉ. पिंगळेजीका मार्गदर्शन हुआ ।
१३ दिसंबर २०१३
दोपहर १ से ३ – हिंदुत्वनिष्ठ संगठन और दलोंको मार्गदर्शन : डॉ. माधव भट्टरायने राष्ट्रीय धर्मसभा नेपालकी ओरसे पू. डॉ. पिंगळेजीका मार्गदर्शन आयोजित किया; जिसमें उन्होंने हिंदु राष्ट्रकी स्थापना हेतु क्षात्रतेज और ब्राह्मतेजकी आवश्यकताके विषयमें उपस्थितोंका मार्गदर्शन किया और इस मार्गदर्शनमें अन्य वक्ताओं द्वारा प्रस्तुत हिंदु धर्मसे संबंधित अयोग्य विचारोंका स्पष्टरूपसे खंडन भी किया । पू. पिंगळे बोले, नेपालकी वर्तमान स्थितिके कारण क्या हैं, इसका अभ्यास करना आवश्यक है । इस देशके निधर्मी हिंदुओंके कारण ही धर्मसापेक्ष नेपाल हिंदु राष्ट्र आज धर्मनिरपेक्ष बन गया है । साधनाद्वारा निर्माण हुए ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेजके बलपर ही हिंदु राष्ट्रकी स्थापना कर सकते हैं । इस समय राष्ट्रीय धर्मसभा नेपालके संस्थापक-अध्यक्ष श्री. माधव भट्टराय, विश्व हिंदु महासंघके भूतपूर्व अध्यक्ष श्री. अच्चुतराज रेग्मी और हिंदु राष्ट्र बचाऊ समितिके अध्यक्ष श्री. तारानाथ लुइटेलने भी अपने विचार व्यक्त किए । इस कार्यक्रमके लिए राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल, ज्योतिष परिषद, राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पक्ष, विश्व हिंदु महासंघ आदि मिलकर ३३ व्यक्ति उपस्थित थे । इस कार्यक्रमका सूत्रसंचालन राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल और विश्व हिंदु महासंघके सचिव श्री. अरुण कुमार पांडेने किया ।
श्री. योगेंद्र प्रताप साहीसे पू. डॉ. चारूदत्त पिंगळेजीकी भेटवार्ता : पू. डॉ. चारूदत्त पिंगळेजीसे एवरेस्ट हेराल्ड ऑनलाइन डॉट कॉमके संपादक और नेपाल पत्रकार मंचके महासचिव (जनरल सेक्रेटरी) श्री. योगेंद्र प्रताप साहीने भेटवार्ता की ।
सवेरे ११.३० – पू. डॉ. पिंगळेजीकी विश्व हिंदु महासंघ राष्ट्रीय समिति, नेपालद्वारा आयोजित किए गए अंतरकृपा कार्यक्रममें विशेष अतिथिके रूपमें उपस्थिति थे ।
इस कार्यक्रममें विश्व हिंदु महासंघके अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. हेम बहादुर कार्की, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पक्ष, नेपालके कोषाध्यक्ष श्री. तारानाथ लुइटेल, श्री हिंदु प्रतिष्ठान नेपालके अध्यक्ष श्री. सुशील कोइराला, नेपाली कांग्रेसके श्री. नवराज के.सी., सनातन धर्म मंदिर समिति, चरित्र निर्माण संघ, पतंजली आनंद योग, कोटेश्वर भागवत प्रचार प्रसार समिति, ब्राह्म समाज, मुक्तिनाथ श्रीकृष्ण ट्रस्ट, गायत्री परिवार, चरित्र निर्माण संघ, हिंदु जागरण, नेपाल इत्यादि संगठनोंके पदाधिकारी एवं सदस्य, ऐसे लगभग ६० से अधिक मान्यवर उपस्थित थे । इस अवसरपर उपस्थित अनेक मान्यवरोंने अपने विचार व्यक्त किए कि नेपाल, हिंदु राष्ट्र बने और उसके लिए सभीको एकत्र आना चाहिए ।
१६ दिसंबर २०१३
सवेरे १०.०० – पू. डॉ. पिंगळेजीका काठमांडू विश्वविद्यालयके विद्यार्थियोंको मार्गदर्शन
पू. डॉ. पिंगळेजीने काठमांडु विश्वविद्यालयके मीडिया स्टडीज् शाखाके मास कम्युनिकेशनके विद्यार्थियोंको जीवनमें अध्यात्मका महत्त्वपर मार्गदर्शन किया । उन्होंने कहा, डब्ल्यू.एच्.ओ. द्वारा बताएनुसार शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिकदृष्टिसे जो स्वस्थ होगा, वही निरोगी होता है । मानवी जीवनका खरा उत्कर्ष केवल अध्यात्मसे ही हो सकता है । मनुष्यका पशुत्व नष्ट करनेके लिए नामजप, सुलभ मार्ग है । इस अवसरपर उपस्थित विद्यार्थियोंने क्या अध्यात्म ईश्वरसे संबधित है ?, यदि कोई व्यक्ति ईश्वरको नहीं मानता है, तो उसे कौनसा नामजप करना चाहिए ? अपने दोषोंको कैसे दूर करना चाहिए ? ऐसा अभ्यासपूर्वक प्रश्न पूछे । इस अवसरपर २३ विद्यार्थी, कोऑर्डिनेटर और मीडिया स्टडीज, काठमांडु विश्वविद्यालयके डॉ. निर्मल मणि अधिकार्या उपस्थित थे ।
स्त्रोत : हिंदी सनातन प्रभात