नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने एक बार फिर महात्मा गांधी पर हमला बोला है। इस बार काटजू ने महात्मा गांधी को रास्कल यानि धुर्त करार दिया है। काटजू ने महात्मा गांधी को अंग्रेजों का एजेंट करार देते हुए उन्हें देश के विभाजन के लिए दोषी करार दिया है।
काटजू ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर कहा है कि जब गांधी १९१५ में भारत आये तो उन्होंने हमेशा अपने भाषणों में राम राज्य, गोरक्षा, वर्ण आश्रम और ब्रह्मचर्य जैसी सिद्धांतो को बढ़ावा दिया। उन्होंने अपने हर भाषण में हिंदू धर्म का प्रचार करने की कोशिश की। गांधी ने राजनीति में हमेशा धर्म को शामिल किया।
काटजू ने कहा कि गांधी के राजनीति में धर्म के लाने की वजह से ही कई मुसलमानों ने मुस्लिम लीग का समर्थन करना शुरु कर दिया। ऐसे में गांधी ने अंग्रेजों के एजेंट के तौर पर काम करते हुए अंग्रेजो की फूट डालो राज करो की नीति को मजबूती दी। काटजू ने कहा कि गांधी की इन नीतियों के चलते भारत को विभाजन का दंश झेलना पड़ा।
काटजू ने विभाजन के समय मारे गये 5 लाख से अधिक लोगों की मौत का जिम्मेदार भी महात्मा गांधी को करार दिया है। काटजू कहते हैं कि गांधी की गलत नीतियों के चलते लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा, जिसका दंश आज भी करोड़ों लोग झेल रहे हैं।
मार्कंडेय काटजू ने गांधी पर स्वतंत्रता आंदोलन को भटकाने की कोशिश की, उन्होंने भगत सिंह, सूर्य सेन, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला, राजगुरु, बिस्मिल जैसे देशभक्तों की लड़ाई को कमजोर किया था। उन्होंने सत्याग्रह जैसे मूर्खतापूर्ण आंदोलन के नाम पर इन देशभक्तों की कुर्बानी को छोटा कर दिया। काटजू ने अपने लेख में गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने पर भी सवाल खड़ा करते कहा कि ऐसा व्यक्ति जो लाखों लोगों के दुख का कारण क्या उसे धुर्त नहीं कहा जाना चाहिए। या फिर उसे राष्ट्रपिता कहा जाना चाहिए।
स्त्रोत : वन इंडिया