पौष शुक्ल पक्ष १०, कलियुग वर्ष ५११५
धाराशिव – हिंदू जनजागृति समितिद्वारा मा. जनपद अधिकारी श्री. नागरगोजे साहेबके पास निवेदनद्वारा यह मांग की गई कि राष्ट्रध्वज अर्थात राष्ट्रीय अस्मिता ! इस बातका ही विस्मरण होकर २६ जनवरीको अभिमानसे शान दिखानेवाले कागद अथवा प्लास्टिकके राष्ट्रध्वज कुछ समयके पश्चात भग्नावस्थामें पथपर एवं गटरमें पाए जाते हैं । राष्ट्रध्वजका यह अनादर दंडनीय अपराध है । उसका योग्य सम्मान करनेके लिए तथा राष्ट्रध्वजके लिए प्लास्टिकका उपयोग न करनेके संदर्भमें शासनको त्वरित उपाययोजना करनी चाहिए । इस निवेदनको जनपद अधिकारीद्वारा सकारात्मक प्रतिसाद प्राप्त हुआ तथा उन्होंने समितिके शिष्टमंडलको सर्व जनपदोंमें इस संदर्भका परिपत्रक प्रसारित करनेका आश्वासन दिया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात