अनेक देशोंको भेट देकर उनके विकास का विचार करनेवाले भारतके पंतप्रधान पाकिस्तान में हिन्दुआेंपर हो रहे अत्याचार की तरफ कब ध्यान देंगे ? – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
अमृतसर (पंजाब) : पड़ोसी देश पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक हिन्दू जो गत लंबे समय से पाक सरकार और वहां के आतंकवादी संगठनोंकी हैवानियत के कारण भारी दबाव में जिंदगी जी रहे हैं और अपने परिवारोंको वहां सुरक्षित नहीं मानते हैं, क्योंकि हर दिन किसी न किसी नाबालिग हिन्दू लड़की का अपहरण होता है।
सूत्रों के अनुसार पाक के सूबा सिंध के विभिन्न छोटे-बड़े शहरों में रहने वाले अधिकतर हिन्दू किसी भी स्थिति में पाक में रहना नहीं चाहते हैं। पाक में कई कट्टरवादी आतंकी संगठनोंकी धमकियोंके कारण उनके आदेश का पालन करने हेतु मजबूर होना पड़ रहा है।
सूत्रोंके अनुसार पाक में रहने वाले हिन्दुओंके बच्चे वहां शिक्षा प्राप्त करने में भी असमर्थ हैं क्यों कि स्कूल जाती हिन्दू बालिग-नाबालिग लड़कियोंको रास्ते से ही उठा लिया जाता है और उनका जबरन धर्म परिवर्तन कर उनका मुस्लिम युवकोंके साथ निकाह कर मुस्लिम बना दिया जाता है। यदि कोई विरोध करता है तो वह भी आतंकियोंका शिकार बन जाता है।
प्राप्त सूत्रोंसे पता चला है कि अब तक पाक के विभिन्न इलाकोंसे हजारों की संख्या में हिन्दू लड़कियोंका अपहरण किया गया है जिन में अनेक लड़कियां अभी तक लापता हैं और शेष आतंकवादियोंकी हैवानियत और मुस्लिम कट्टरवाद का शिकार होकर मुस्लिम बन चुकी हैं।
सूत्रोंसे पता चला है कि पाक में जिन पीड़ित हिन्दू परिवारोंने इस संदर्भ में अदालतों में केस किए हैं, उन में ज्यादातर असफल साबित हो रहे हैं, क्यों कि विरोधी पक्ष इस तरह के सबूत अदालत में पेश कर देते हैं कि हिन्दू पक्ष की सुनवाई न करने के लिए विवश होकर मोहर लगाने के लिए अदालत को भी मजबूर होना पड़ता है।
सूत्रोंके अनुसार सरहद पार के अल्पसंख्यक हिन्दू वहां नर्क का जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं और कई परिवार ऐसे भी हैं, जो कहते हैं कि ऐसी जिंदगी से तो मौत अच्छी है।
यह भी पता चला है कि पाक के अनेक आतंकी संगठन पाक सरकारपर इस मामले में दबाव बनाए हुए हैं कि उनके किसी भी कार्य में हस्तक्षेप न किया जाए और उसी दबाव के अंतर्गत वहां के पुलिस थानों में हिन्दू समुदाय की किसी भी तरह की किसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती, क्यों कि वहां पाक सरकार काम कम करती है व आतंकी संगठनोंके नादरशाही फरमान ज्यादा काम करते हैं।
स्त्रोत : पंजाब केसरी