पौष शुक्ल पक्ष १२, कलियुग वर्ष ५११५
(बार्इं ओर)अधिवक्ता रवींद्र घोषको अंग्रेजी भाषाका सनातन पंचाग २०१४ भेंट देते हुए हिंदू जनजागृति समितिके श्री. संजीव कुमार |
नई देहली – बांग्लादेश माइनॉरिटी वाचके अध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र घोषने यह आवाहन किया कि धर्मांधोंमें जानवरकी हत्याके दो प्रकार हैं । एक हलाल, तो दूसरा झटका । बांग्लादेशमें हिंदुओंको हलाल अर्थातहाल हाल कर हत्या की जा रही है । बांग्लादेशमें सर्वधर्मसमभाव पूरीतरहसे बाहर फेंक दिया गया है । हिंदुओंपर होनेवाले आक्रमणोंकी संख्या बढ रही है । हम इसका विरोध करने हेतु यहां लड रहे हैं; किंतु इस लडाईमें हमें भारत तथा वहांके हिंदुनिष्ठोंकी सहायता चाहिए । वे इंडियन लो इन्स्टिट्युट, देहलीमें आयोजित ह्युमन राईट डिफेन्स इंटरनेशनलके चौथे अंतरराष्ट्रीय परिषदमें बांग्लादेशके हिंदुओंकी स्थिति, इस विषयपर वक्तव्य दे रहे थे । उस समय श्री. घोषने उपस्थित व्यक्तियोंको प्रोजेक्टरद्वारा स्लाईड शोके माध्यमसे बांग्लादेशमें हिंदुओंपर होनेवाले आघातोंका प्रसारण किया ।
अधिवक्ता घोषने आगे बताया,
१. यहां हिंदु स्त्रियोंपर प्रत्येक दिन बलात्कार होते ही हैं ।
२. ऐसे समय यदि पुलिसमें परिवाद प्रविष्ट करनेका प्रयास किया गया, तो परिवाद प्रविष्ट करनेके लिए पुलिस टालमटोल करती है । उन्हें बहुत बार विनती करनी पडती है ।
३. यदि परिवाद प्रविष्ट किया गया, तो पीडित स्त्री पुलिस थानेमें साक्ष देनेके लिए नहीं आ सकती, साथ ही ऐसा नीच कृत्य करनेवालेको दंड भी नहीं दिया जाता।
४. बलात्कारके विरोधमें वहांके न्यायालयने १६ कानून बनाए हैं; किंतु उनके उतने सक्षम नहीं होनेके कारण बलात्कारोंकी संख्या प्रतिदिन बढती जा रही है ।
५. एक घटनामें किसी धर्मांधकी मृत्यु हुई, इसलिए वहांके ३५ हिंदुओंको अकारण इस घटनामें फंसाया गया तथा उन्हें कारागृहमें बंदी बनाया गया।
६. मैंने इस बातका विरोध किया; इसलिए धर्मांधोंने संतप्त होकर न्यायालयमें ही मुझपर आक्रमण किया ।
७. हम अपने जीवनको दांवपर लगाकर बांग्लादेशके हिंदुओंके मानवाधिकार हेतु लड रहे हैं । इस लडाईमें आपका भी सहयोग आवश्यक है ।
हिंदू जनजागृति समितिके श्री. संजीव कुमार तथा श्री. दैवेश रेडकरने इस कार्यक्रमसे पूर्व अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोषसे भेंट कर उन्हें अंग्रेजी भाषाका सनातन पंचाग २०१४ भेंट दिया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात