पौष शुक्ल पक्ष १२, कलियुग वर्ष ५११५
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आज बेलगांवमें आयोजित हिंदू धर्मजागृति सभामें श्रीराम सेनाके संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक उपस्थित व्यक्तियोंका मार्गदर्शन करनेवाले हैं । श्री. मुतालिक तथा सनातन संस्था, एवं हिंदू जनजागृति समितिका संबंध केवल ‘हिंदुत्व’, इस एक ही घटकके कारण घनिष्ठ बन गया है । अभीतक श्री. मुतालिक सनातन संस्थाके विषयमें व्यक्त गौरवोद्गार तथा बोलते समय प्रकट होनेवाले धर्माभिमानके विषयमें जानकारी लेते हैं ।
१. आध्यात्मिक अधिष्ठान होनेके कारण ही सनातनका कार्य तीव्र गतिसे बढ रहा है ! : सनातन संस्थाके संस्थापक प.पू. डा. जयंत आठवलेजीने अध्यात्मप्रसारद्वारा समाजमें बडी मात्रामें परिवर्तन किया है । सनातन संस्था एक आध्यात्मिक अधिष्ठान होनेके कारण ही आज उनका कार्य बढ रहा है । – श्री. प्रमोद मुतालिक (९.५.२०११)
२. रामनाथी आश्रमका दर्शन अविस्मरणीय है तथा प.पू. गुरुदेवके आशीर्वादसे उत्तम पद्धतिसे सिद्ध साधकोंद्वारा किया गया अतिथिसत्कार पसीजनेवाला ! : सनातन आश्रमका दर्शन अविस्मरणीय तथा प्रेरणादायी था । सच्चे अर्थोंमें आधुनिक तंत्रज्ञानसे युक्त होते हुए भी आश्रममें कहीं अहंकार अनुभव नहीं होता । आश्रमके साधकोंने मुसकुराकर सबका स्वागत किया, विनम्रता तथा मधुरतासे उनका बोलना साथ ही उनका अतिथिसत्कार किसी भी व्यक्तित्वको पसीजनेपर बाध्य करेगा, ऐसा ही है । अपने-अपने विभागमें निरंतर सेवारत होकर भी किसीके मुंहपर थकान नहीं दिखती । इसका कारण साधकोंकी आध्यात्मिक शिक्षा, नामजप तथा प.पू. गुरुदेवके आशीर्वाद हैं ! अधिवेशन आयोजित करनेका निर्णय उचित ही है । – श्री. प्रमोद मुतालिक (अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशन तथा आश्रमके विषयमें दिया गया अभिप्राय)
३. सनातन संस्था तथा अभिनव भारत इन संगठनोंपर बंदी लगानेसे कांग्रेसका विनाश निश्चित ! – श्री. प्रमोद मुतालिक (दैनिक सनातन प्रभात, (९.१०.२०११))
४. पाश्चात्त्योंके सारे ‘डे ’ का हम विरोध करनेवाले हैं !
‘डे’ संस्कृति हमारी नहीं, यह बात हिंदुओंको ध्यानमें रखनी चाहिए । रोज डे, जीन्स डे, फैडशिप डे, टाई डे, ब्लैक एन्ड वाईट डे, ऐसे अनेक पाश्चात्त्य डे के कारण हिंदू समाज खोखला होता जा रहा है । प्रेम करना चूक नहीं । प्रेम अटूट बंधन होता है । जो पति-पत्नी अथवा भाई -बहनमें दिखाई देता है । प्रेम अर्थात पवित्र भावनाओंका प्रवाह ! यह प्रेम कोई भी दिनांक अथवा दिन निश्चित कर प्रदर्शित करनेकी आवश्यकता नहीं । ऐसा करना शुद्ध नाटक है । यह प्रेम नहीं, काम (वासना) है । ‘वेलेंटाईन डे’ के माध्यमसे हिंदुद्रोही अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारतकी पारिवारिक व्यवस्था तोडना चाहता है । यह एक षड्यंत्र है । वे हमारी ‘मातृदेवो भव’ संस्कृतिको अपकीर्त करना चाहते हैं । श्रीराम सेना १० वर्ष पूर्वसे इसके विरुद्ध लडाई लड रही है । हम पाश्चात्त्योंके सभी डे का विरोध करनेवाले हैं । उस विषयमें जगजागृति करनेवाले हैं ।
५. हिंदु राष्ट्रके विषयमें विशाल विचार करनेकी सद्बुदि्ध प्राप्त होना, भारतमाता तथा देवदेवताओंकी कृपा !
१. हिंदु राष्ट्र हमारा एकमेव तथा अंतिम लक्ष्य है ।
२. हिंदुओंपर आतंकवाद, धर्मांतर, पाश्चात्त्यीकरण, गोहत्या जैसे होनेवाले धार्मिक तथा सांस्कृतिक आक्रमणोंका विरोध करना ही हमारा कार्य होगा ।
३. युवकोंमें राष्ट्रभक्ति बढाना, यह एक उपक्रम हम हाथमें लेनेवाले हैं । युवकोंमें प्रांत, भाषा तथा जाति, ये भेद नष्ट कर राष्ट्रभावना तथा राष्ट्रीयता उत्पन्न करना, अब प्राथमिकतासे हमारा कार्य होगा ।
ऐसा विशाल विचार करनेकी सद्बुदि्ध प्राप्त होना, केवल भारतमाता तथा हमारे देवीदेवताओंकी कृपा है, ऐसा मैं समझता हूं । हमारे कार्यको देवदेवताओंके आशीर्वाद हैं । हमारे हेतु आप जैसे (हिंदू जनजागृति समिति जैसे ) संगठनका समर्थन आधारस्तंभ है । आईए, हम सब मिलकर शीघ्रसे शीघ्र हिंदु राष्ट्रका संकल्प साकार करें । – श्री. प्रमोद मुतालिक
श्री. प्रमोद मुतालिक जैसे प्रत्येक हिंदूको कर्तव्य समझकर हिंदुसंगठनका कार्य करना आवश्यक है !
श्री. प्रमोद मुतालिक हिंदुत्व हेतु त्याग कर रहे हैं, ऐसा कहा जाता है; किंतु मैं उसे मेरा कर्तव्य ही समझता हूं । यह कर्तव्य समझकर प्रत्येक हिंदुको आज हिंदुसंगठनका कार्य करना आवश्यक है । – श्री. प्रमोद मुतालिक, संस्थापक अध्यक्ष, श्रीराम सेना. (९.१०.२०११)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात