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आगामी चुनावमें हिंदुनिष्ठोंद्वारा धर्मपरिवर्तन तथा गोरक्षाके साथ नीति निश्चित होगी !

पौष शुक्ल पक्ष ११, कलियुग वर्ष ५११५

नई मुंबईमें ‘हिंदु राष्ट्रकी स्थापना’ के उद्देश्यसे छठां ‘प्रांतीय हिंदु अधिवेशन’!

कोपरखैरने (नई मुंबई-महाराष्ट्र) – यहां देशके बहुसंख्यक हिंदु समाजमें उत्पन्न असुरक्षाकी भावनाको उजागर करने हेतु ‘हिंदु राष्ट्रकी स्थापना’ के सूत्रपर सभी हिंदुनिष्ठ संगठनोंका सक्रिय संगठन करनेके उद्देश्यसे ‘प्रांतीय हिंदू अधिवेशन’ का आयोजन किया गया है । यहांके महालक्ष्मी मंदिर सभागृहमें (सेक्टर १४) ११ तथा १२ जनवरी २०१४ को होनेवाले अधिवेशनमें मुंबई, ठाणे तथा रायगढके धर्माचार्य, प्रवचनकार, अधिवक्ता, पत्रकार, विचारक एवं हिंदुनिष्ठ संगठन एवं संप्रदायोंके प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे । पिछले २ माहमें सोलापुर, कोल्हापुर, पुणे, रत्नागिरी तथा जलगांव जनपदमें संपन्न ‘प्रांतीय हिंदू अधिवेशन’के उपरांत अब नई मुंबईमें छठां अधिवेशन हो रहा है ।

हिंदु धर्मपर आनेवाले संकटोंके संबंधमें विविध अंगोंसे विचार-विमर्श चर्चा !

१. इस अधिवेशनमें प्रमुख रूपसे देवी-देवताओंका अनादर, हिंदू संतोंकी अपकीर्ति तथा सरकारीकरण हुए मंदिरोंमें होनेवाली लूट, गोहत्या, लव-जिहाद तथा धर्मपरिवर्तनसमान हिंदु धर्मपर होनेवाले आघातोंपर विचार-विमर्श कर समान कृत्य कार्यक्रम निश्चित किया जाएगा एवं आगामी चुनावमें हिंदुनिष्ठोंकी नीति निश्चित होगी । उद्बोधन सत्र, अनुभवकथन एवं गुटचर्चाओंका भी आयोजन किया गया है ।

२. इससे पूर्व गोवामें निरंतर दो वर्षोंतक अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशन आयोजित किया गया था । इस अधिवेशनमें महाराष्ट्रसे आए हिंदुनिष्ठ संगठनोंके प्रतिनिधियोंने राज्यस्तरपर हिंदुओंका संगठन करनेके उद्देश्यसे दायित्व लिया है । इस अधिवेशनसे राज्यके हिंदुओंकी अनेक समस्याओंपर समाधान होकर विश्वशांतीकी दृष्टिसे ‘हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करनेके कार्यको बल मिलनेमें सहायता होगी ।

३. अधिवेशनस्थलपर हिंदू जनजागृति समितिद्वारा गोरक्षा, क्रांतिकारी, कश्मीरी हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचार, धर्मशिक्षा, धर्मरक्षा आदि विषयोके संदर्भमें सिद्ध की गई विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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