जम्मू – हुर्रियत अध्यक्ष सैयद अली गिलानी शुक्रवार को पुलिस को चकमा देकर दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित त्राल पहुंचे। भारत सरकार के सख्त रुख के बावजूद गिलानी की त्राल में आयोजित सभा में पाकिस्तान का झंडा लहराया गया। यही नहीं सभा में उन्होंने हिंदुओं की पवित्र अमरनाथ यात्रा का विरोध किया है। जनसभा को संबोधित करते हुए गिलानी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा का समय दो महीने की नहीं होनी चाहिए। कश्मीर के अलगाववादी नेता ने कहा कि इस यात्रा का वक्त घटाकर एक महीने से कम का कर देना चाहिए।
त्राल में हाल ही में पुलिस गोलीबारी में एक किशोर की मौत होने के बाद स्थिति काफी हिंसक हो गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ८४ वर्षीय गिलानी के हैदरपोरा स्थित निवास पर उन्हें नजरबंद करने पहुंची। परंतु पुलिस के आने से पहले ही गिलानी त्राल के निकल चुके थे।
गिलानी त्राल में मुजफ्फर अहमद वानी के घर जाएंगे। वानी पुत्र खालिद मुजफ्फर हाल ही में सैन्य कार्रवाई में मारा गया था। इसके बाद वादी में हिंसक माहौल हो गया था।
हुर्रियत के सूत्रों के अनुसार गिलानी अल सुबह ही घर छोड़कर त्राल के लिए रवाना हो गए थे। वहां गिलानी नमाज अता करेंगे। हुर्रियत के प्रवक्ता अयाज अकबर ने गिलानी के त्राल पहुंचने की पुष्टि करते हुए कहा कि गिलानी नमाज के बाद एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
गौरलतब है कि पुलिस ने हुर्रियत कांफ्रेंस के अलगाववादी मर्सरत आलम और गिलानी को १६ अप्रैल की देर रात नजरबंद कर लिया था। गिलानी कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में बड़ी रैली करने वाले थे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस ने रैली की इजाजत रद कर गई थी।
वहीं, पुलिस ने मसरत को फिर राष्ट्रविरोधी बयान देने के बाद नजरबंद किया था। मसरत ने कहा था कि ‘पाकिस्तानी झंडे लहराने में कुछ गलत नहीं है। ऐसा तो 1947 से होता रहा है।’ दरअसल, अलगाववादियों ने 15 अप्रैल को दिल्ली से श्रीनगर लौटे गिलानी के घर तक रैली निकाली थी। एयरपोर्ट से शुरू हुई इस रैली में पाकिस्तानी झंडा लहराते हुए भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। मर्सरत ने रैली में आतंकी हाफिज सईद की भी तारीफ की थी।
स्त्रोत : जागरण