इस्लामाबाद : पाकिस्तान से हज यात्रा पर सऊदी अरब जाने के इच्छुक लोगों काे अब आवेदन करते समय यह बताना पड़ेगा कि वे शिया हैं या सुन्नी।
हज यात्रा का आयोजन करने वाले पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के अधिकारियों ने सऊदी अरब की आेर से जारी किए गए ताजा फरमान का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसा वहां की सरकार द्वारा निर्धारित नियमों की वजह से किया गया है। मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फारूख ने कहा कि इसकी वजह से इस बार एप्लीकेशन फार्म में नया काॅलम जोड़ा गया है, जिसमें आवेदक को यह बताना होगा कि वह शिया है या सुन्नी। यदि कोई ऐसा नहीं करता तो उसे हज यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सऊदी सरकार ने इस आदेश पर सख्ती से पालन किए जाने के लिए अपने यहां वीजा नियमों में थोड़ा बदलाव भी किया है। ऐसे में पाकिस्तान सरकार के पास इसे मानने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, कुछ अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि ऐसा शिया समुदाय के प्रतिनिधियों के अनुरोध पर किया गया है जो नहीं चाहते की सुन्नी समुदाय की महिलाएं मेहरम नियमों का गलत फायदा उठाएं।
मेहरम नियम के तहत शिया समुदाय की महिलाएं अपने परिवार के निकट संबधी पुरूषों के बिना हज पर जा सकती हैं, जबकि सुन्नी समुदाय की महिलाओं के लिए यह वर्जित है।
स्त्रोत: दैनिक भास्कर
This sounds very correct decision but only time will tell if this rule is made to prevent sunnies from misusing mehram, or to discriminate with Shias.