मुंबई – भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर राजग के घटक दल शिवसेना की तल्खी में कमी नहीं आ रही है। उसने मोदी सरकार को चुनौती दी है कि अगर उसमें दम है तो वह जम्मू-कश्मीर से भूमि अधिग्रहण अभियान की शुरुआत करे।
पार्टी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने जमीन अधिग्रहण विधेयक को बेवजह प्रतिष्ठा का मुद्दा बना रखा है। सरकार पर हमला तेज करते हुए शिवसेना का कहना है कि इस विधेयक के कानून बनते ही सरकार किसानों की दलीलों को दरकिनार करते हुए देश में कहीं भी जमीन का अधिग्रहण कर सकती है। लेकिन राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद ३७० लागू रहने के कारण वह जम्मू एवं कश्मीर में ‘वही साहस’ नहीं दिखा सकती।
मोदी सरकार ने संसद में इस बारे में बयान दिया है कि वह जम्मू-कश्मीर को छोड़ कर बाकी जगह भूमि अधिग्रहण कर सकती है। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, ”सरकार ने जब यह सूचना दी तो उसका सीना संभवत: गर्व से फूल गया, लेकिन यह सुनकर देश की जनता का दिल डूब गया।”
शिवसेना के अनुसार जम्मू एवं कश्मीर को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है और सबसे बड़ी बात यह है कि संविधान का अनुच्छेद ३७० क्षेत्र में किसी भी विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बनता है।
संपादकीय में लिखा गया है, ”भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित कराने की लड़ाई अब सरकार के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा है। सड़कों, अस्पतालों, उद्योगों के विकास की सर्वाधिक जरूरत जम्मू एवं कश्मीर में है। लेकिन संविधान के अनुच्छेद ३७० के मुताबिक, राज्य से बाहर का कोई भी व्यक्ति वहां एक इंच धरती भी नहीं खरीद सकता।” राजग घटक के मुताबिक अनुच्छेद ३७० को खत्म करना हालांकि भाजपा के मुख्य एजेंडे में से एक है मगर जम्मू एवं कश्मीर में सरकार बनाने के लिए पीडीपी से हाल ही में हाथ मिलाने के कारण पार्टी ने इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
स्त्रोत : जागरण