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ॐ केवल मंत्र नहीं, अपितु औषधि भी है !

पौष शुक्ल पक्ष १२, कलियुग वर्ष ५११५

चेन्नईके रुग्णालयमें अन्य धर्मियोंने भी इसकी प्रचीति ली !


चेन्नई – अब्दुल खादेरको अनेक वर्षोंसे संधिवातका विकार था । उसने प्रतिदिन ३० बार ॐ का जप किया । अब वह दिनमें ५ बार नमाज पठन कर सकता है । साथ ही एडविन नामक रुग्ण पीठकी हड्डीकी पीडासे त्रस्त था । उसकेद्वारा भी ॐ का जप करनेके पश्चात उसकी पीडा न्यून हो गई । चेन्नईके योगतज्ञ डॉ. कानिमोजीके रुग्णालयमें इस प्रकारके अनेक अन्य धर्मीय लोग ॐ का जप करते हैं । 
डॉ. कानिमोजीके मतानुसार ॐ के उच्चारणसे शरीरकी ग्रंथिमें सकारात्मक परिवर्तन होता है । अतः जिन विकारोंको अन्य औषधसे आराम नहीं होता, वे विकार ॐ के उच्चारणसे ठीक होते हैं । अतः डॉ. कानिमोजीने यह दावा किया है कि अब अनेक रुग्ण इस उपचारकी ओर आकर्षित हो रहे हैं । 

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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