पौष शुक्ल पक्ष १२ कलियुग वर्ष ५११५
नई मुंबईमें आजसे प्रांतीय (विभागीय) हिंदु अधिवेशनका प्रारंभ !
कोपरखैरणे, नई मुंबईमें आजसे प्रांतीय हिंदु अधिवेशनका प्रारंभ हो रहा है । ११ तथा १२ जनवरी अर्थात यह अधिवेशन दो दिनोंका होगा । रायगड जनपदके संतोंद्वारा अधिवेशनके लिए प्राप्त आशीर्वादरूपी संदेश आगे प्रकाशित कर रहे हैं ।
सनातनद्वारा आरंभ किए इस कार्यके कारण हिंदुओंमें जागृति उत्पन्न हो रही है ! – प.पू. स्वामी आबानंदगिरीजी महाराज, श्री पंचदशनाम महामंडलेश्वर पुराना अखाडा हरिद्वार
प.पू. डॉक्टरने जो कार्य आरंभ किया है, उसकी बराबरी करना असंभव है । इस देशमें अनेक मनोविकारतज्ञ हैं, किंतु हिंदु राष्ट्रके लिए प.पू. डॉक्टरके रूपमें जो फूल खिला है, अब पूरे देशमें उसका सुगंध फैल रहा है । उनपर अनेक आघात हुए । किंतु प.पू. डॉक्टरने दृढतासे उनका सामना किया । जिस प्रकार कमल खिलता है, उसी प्रकार यह हुआ है । गुरुकी खोजमें निष्ठासे निकलकर उन्होंने सनातन संस्थाकी स्थापना करनेका महान कार्य किया । उन्होंने यह दिखाया कि मेरा संसार छोटा नहीं, अपितु बहुत बडा है तथा उस दिशामें अग्रसर होते हुए उन्होंने अनेक व्यक्तियोंके आशीर्वाद प्राप्त किए । ऐसे आशीर्वाद प्राप्त करते करते इंदौरमें समर्थ शक्तिसे युक्त प.पू. भक्तराज महाराजसे उनकी भेंट हुई । दानके रूपमें प.पू. भक्तराज महाराजकी शक्ति प्राप्त होनेके पश्चात आत्मबोध होकर हिंदू प्रजाका सहयोग प्राप्त हुआ । गुरुके संस्कार, उनके प्रति भाव, आज इसी कारण सनातनका वैभव दिखाई दे रहा है । सनातनके कार्यके कारण ही हिंदुओंमें जागृति उत्पन्न हो रही है । भविष्यमें आनेवाली अनिष्ट कालावधिपर मात करने हेतु समर्थ शक्ति उत्पन्न होना आवश्यक है । हमारे गुरुके कथनानुसार २०१५ के पश्चातकी कालावधि अनिष्ट होगी । आजके हिंदुओंमें उसका सामना करनेके लिए आवश्यक समर्थ शक्ति नहीं हैं । हिंदु धर्म सनातनी है । हिंदु राष्ट्र स्थापना हेतु इस प्रकार अधिवेशन आयोजित करना, यह समयकी आवश्यकता है । इस अधिवेशनके माध्यमसे यह समर्थ शक्ति उत्पन्न होगी ।
हिंदुओंको जागृत करने हेतु ही सर्व भक्तोंको एकत्रित आना आवश्यक ! – प.पू. शांताराम महाराज, सद्गुरु दत्तदेव दरबार मंडल, नावडे (पनवेल)
भक्तो, हिंदुओंको जागृत करने हेतु हम सर्व भक्तोंको एकत्रित आकर यह कार्य सिद्धी करना ही चाहिए । उसके लिए हमें थोडे कष्ट उठाने पडेंगे । तदुपरांत ही यह कार्य सिद्ध होगा । अब आपत्काल निकट आ गया है । ईश्वरकी उत्पत्ति कहां होगी, उसका हमें पता भी नहीं चलेगा । उसके लिए हिंदु राष्ट्र स्थापित करने हेतु इस हिंदु अधिवेशनके लिए मेरे आशीर्वाद हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात