एन.सी.ई.आर.टी.के अभ्यासक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज को गौण स्थान देने का प्रकरण !
पुणे (महाराष्ट्र) : राष्ट्रीय शैक्षणिक संशोधन एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) के अभ्यासक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज एवं क्रांतिकारियोंको गौण स्थान दिया गया गया।
मुगलों का इतिहास ६० पृष्ठों में, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज के संदर्भ में केवल ६ पांक्तियों में जानकारी दी गई है।
इस अभ्यासक्रम में गोवा राज्य के समान परिवर्तन होने हेतु हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा पिछले अनेक वर्षोंसे मांग की जा रही है।
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इस संदर्भ में ३० अप्रैल को आयोजित पत्रकार परिषद में सांस्कृतिक एवं शिक्षा मंत्री श्री. विनोद तावडे को सनातन प्रभात की वार्ताकार कु. शलाका सहस्रबुद्धे ने प्रश्न किया। उस समय श्री. तावडे ने कहा कि राज्य के अधिकार में एन.सी.ई.आर.टी.एवं सी.बी.एस.ई.के अभ्यासक्रम का केवल २५ प्रतिशत विषय आता है। इसके अतिरिक्त अभ्यासक्रम में मध्यास्थी करना असंभव होता है; परंतु राज्यशासन के अधिकार में आनेवाले अधिकार के अनुसार इस विषय में सूचनाएं की जाएगी। (हिन्दुओंको अपेक्षित है कि केवल सूचना करने की अपेक्षा राज्यशासन ने इस संदर्भ में केंद्रशासन को पृष्ठपोषण कर इस विषय में हिन्दुओंको आंदोलन न करना पडे, ऐसी स्थिति उत्पन्न करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात