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धर्मांध एवं पुलिसका विरोध होनेके पश्चात भी मंदिरमें नामजपका कार्यक्रम भावपूर्ण वातावरणमें संप

पौष शुक्ल पक्ष १२, कलियुग वर्ष ५११५

कोजीकोडमें  (केरल) हिंदुत्वकी विजय !

कोजीकोड (केरल) –  केरलके एक मुसलमान बहुसंख्यक जिलेमें ‘स्वामी भारती मंदिर’में आयोजित अखंड नामजपके कार्यक्रमको यहांके धर्मान्धोद्वारा विरोध किया गया, जिसे पुलिसद्वारा भी समर्थन दिया गया था । इसके विरोधमें अधिवक्ता बिमलदासने केरल उच्च न्यायालयमें याचिका प्रविष्ट कर अनुमति प्राप्त करनेपर हाल-हीमें नामजपका कार्यक्रम बिना अडचनके संपन्न हुआ । स्वामी भारती तथा अधिवक्ता बिमलदास दोनों ही जून २०१३ में हिंदू जनजागृति समितिद्वारा गोवामें आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय ‘हिंदु अधिवेशन’में सम्मिलित हुए थे ।

१. स्वामी भारतीने गुरुकी आज्ञाके अनुसार करुवांकल नामक गांवमें आकर अपने घरके समीप एक देवीका मंदिर स्थापित किया । इस मंदिरमें प्रतिवर्ष दिसंबर माहमें एक दिन अखंड नामजप यज्ञ किया जाता है ।

२. दिसंबर २०१३ में अखंड नामजपके लिए एक दिन निश्चित कर एक महिना पूर्व ही उसे प्रसिद्धि देना आरंभ किया गया था; परंतु २५ दिन पूर्व उस गांवके १४८ लोगोंने वहांके पंचायत अधिकारीको हस्ताक्षर कर एक निवेदनपत्र दिया, जिसमें लिखा था, ‘यह मंदिर अनधिकृत है । यहां उंचे स्वरमें भजन लगाए जाते हैं जिसके कारण समीपमें स्थित मदरसा तथा मस्जिदके धर्मान्धोको कष्ट होता है । मंदिरके लिए अनुमति नहीं है; इसलिए इस मंदिरके कार्यक्रम निश्चित रूपसे रोकने चाहिए’ । (क्या हिंदू कभी मस्जिदमें लगाए ध्वनिक्षेपकके संदर्भमें परिवाद करते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
३. हस्ताक्षर करनेवाले १४८ लोगोंमें १४७ धर्मांध एवं एक हिंदु था । पश्चात स्पष्ट हुआ कि उस हिंदूको धर्मान्धोद्वारा फंसाकर उससे स्वाक्षरी करा ली गई थी ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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