इस चुप्पी का अर्थ क्या मुफ्ती मोहम्मद सर्इद पाकिस्तान के बयान का समर्थन कर रहे है ? – सम्पादक , हिन्दू जनजागृति समिति
अहमदाबाद: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार कश्मीरी पंडितों को वापसी के लिए राजी कर लेगी। मुफ्ती ने यह भी कहा कि घाटी में पाकिस्तानी झंडे लहराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। हालांकि कश्मीरी पंडितों की टाउनशिप पर पाकिस्तान की तरफ से आए बयान के बारे में मुफ्ती से पूछा गया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान ने कहा था कि कश्मीरी पंडितों के आने से घाटी की जनसांख्यिकी स्थिति बदल जाएगी।
मुफ्ती ने कहा, ‘कश्मीरी पंडित हमारी संस्कृति के हिस्सा हैं। घाटी की संस्कृति साथ रहने की है। वे १९९० के आतंकी माहौल में अपने घरों को छोड़ चले गए थे। हमने अतीत में इन्हें वापस लाने की कोशिश की थी लेकिन कामयाबी नहीं मिली। करीब 3 लाख कश्मीरी पंडित राज्य से बाहर चले गए हैं। ये बेहद बुद्धिजीवी और पढ़े-लिखे लोग हैं। इन्हें घाटी में अपने घर लौट जाना चाहिए। मेरी सरकार इन तीन लाख पंडितों को वापस लाने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी।’
मुफ्ती अपने तीन कैबिनेट मंत्री के साथ अहमदाबाद में जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में पर्यटन को प्रमोट करने पहुंचे थे। इन्होंने अहमदाबाद स्थित टूर ऑपरेटरों से भी बातचीत की। मुफ्ती ने आश्वासन दिया कि शुक्रवार को सैयद अली शाह गिलानी की रैली में जिन लोगों ने पाकिस्तानी झंडे फहराए उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
मुफ्ती ने कहा, ‘मेरा मानना है कि जब मसरत आलम को रिहा किया गया तब वह पीएसए के तहत पांच साल की कैद काट चुका था। मैंने उसे पाकिस्तानी झंडे के साथ देखा था। कुछ लोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। जो भी रष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया जाएगा उसके खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।’ शुक्रवार को दक्षिणी कश्मीर के त्राल में हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की रैली थी। इस रैली में पाकिस्तानी झंडे के साथ पाक के समर्थन में स्लोगन लहराए गए थे।
हुर्रियत ने इस रैली में अमरनाथ यात्रा ९० दिनों से कम कर ३० दिन करने की मांग की थी। मुफ्ती ने कहा कि अमरनाथ यात्रा में कोई कटौती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा लंबे समय से चल रही है और जारी रहेगी। जम्मू-कश्मीर के लोग इस यात्रा के पक्ष में हैं।
स्त्रोत: नवभारत टाइम्स