हाईकोर्ट का फैसला क्या आया
फैसले का मतलब क्या
स्त्रोत : दैनिक भास्कर
फेसबुक का हिंदुद्वेष जानें !
फेसबुक ने सलमान खान एवं साध्वी प्रज्ञासिंह के प्रतिभूति की तुलना करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति की पोस्ट निकाल दाली !
मुंबई – फेसबुक ने समिति को कोई पूर्वकल्पना दिए बिना सलमान खान एवं साध्वी प्रज्ञासिंह की प्रतिभूति की तुलना करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति की पोस्ट निकाल दी । (विचारस्वतंत्रता की शेखी बघरनेवाले फेसबुक द्वारा हिन्दुओं की विचारस्वतंत्रता का दमन होता है ! क्या फेसबुक ने कभी अन्य पंथियों के संदर्भ में ऐसी कार्यवाही करने का साहस दिखाया है ? क्या हिन्दुओं का दमन करनेवाले फेसबुक पर मोदी सरकार कार्यवाही करेगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात, दैनिक सनातन प्रभात )
६ मई को मुंबई के सत्र न्यायालय ने अभिनेता सलमान खान को बुरी तरह से वाहन चलाकर कुछ लोगों को कुचलने के प्रकरण में ५ वर्षों का दंड सुनाया । तदुपरांत केवल साढेतीन घंटों में ही उसे मुंबई उच्च न्यायालय ने २ दिनों की अंतरिम प्रतिभूति दी थी । इसका संदर्भ लेकर हिन्दू जनजागृति समिति ने उसके अधिकृत फेसबुक के खाते पर साध्वी प्रज्ञासिंह पर कोई आरोप सिद्ध न होते हुए भी उन्हें अब तक प्रतिभूति नहीं मिली; परंतु सलमान खान अपराधी सिद्ध होने पर भी उसे त्वरित प्रतिभूति दी गई, ऐसी तुलना करनेवाली पोस्ट डाली थी । अल्पावधि में ही इस पोस्ट को प्रचंड प्रतिसाद मिला; परंतु केवल आधे घंटों में ही फेसबुक ने समिति को कोई पूर्वकल्पना दिए बिना यह पोस्ट स्वयं निकाल दी । समिति ने पुनः इस पोस्ट को डालने का प्रयास करने पर एसा संदेश दिया गया कि आप जो लेख पोस्ट कर रहे हो, वह हमारी दृष्टिसे आपत्तिजनक हैं एवं सुरक्षा के कारण हमने उसे निकाल दिया है । समिति ने जो सत्य है, उसी को फेसबुक पृष्ठ के पोस्ट द्वारा लोगों के सामने लाने का प्रयास किया था; परंतु फेसबुक ने कोई नि श्चित कारण न देता ही पोस्ट निकाल डालना हिन्दुओं के विचारस्वतंत्रता कर दमन ही है, समितिके फेसबुक के पृष्ठ के पाठकों द्वारा ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है ।
अद्ययावत
हिट एंड रन मामला : सलमान खानको ५ साल की जेल, ३ घंटे में मिली २ दिन की बेल
तेरह वर्षों के उपरांत न्याय मिलना, यह भारतीय न्यायपालिका की असफलता है । आज देश में तीन करोड से भी अधिक संख्या में न्यायालयों में अभियोग प्रलंबित हैं । इनका तुरंत निपटारा करने का कोई भी प्रयास करते नहीं दिख रहा । यह भारतीय लोकतंत्रकी भी असफलता है । यह स्थिति में परिवर्तन केवल हिंदू राष्ट्र में अर्थात रामराज्य में ही हो सकता है । – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
मुंबई – करीब १३ साल पुराने हिट एंड रन मामले में अभिनेता सलमान खान को आज सत्र न्यायालय ने पांच साल की सजा सुनाई। लेकिन मुंबई उच्चन्यायालय से दो दिन की अंतरिम जमानत मिल जाने के कारण वह जेल जाने से बच गए हैं।
२८ सितंबर, २००२ की रात मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में सलमान खान की लैंड क्रूजर कार से हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी और चार घायल हो गए थे। दुर्घटना के इसी मामले में आज मुंबई के सत्र न्यायालय ने सलमान खान को भारतीय दंड विधान की धारा 304(2) सहित कुल आठ धाराओं में पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं २५००० रुपए नकद जुर्माने की सजा सुनाई। लेकिन सलमान के परिवार और उनके वकीलों की मुस्तैद टीम ने तीन घंटे के अंदर ही मुंबई उच्च न्यायालय से उनके लिए दो दिन की अंतरिम जमानत हासिल कर उन्हें आज जेल जाने से बचा लिया।
सलमान खान बुधवार सुबह ९.४७ बजे अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने बांद्रा स्थित घर गैलेक्सी अपार्टमेंट से सत्र न्यायालय के लिए निकले थे। वह करीब १०.४५ बजे अदालत पहुंच गए थे। उनके साथ उनकी दोनों बहनें अर्पिता एवं अलविरा तथा दोनों भाई सुहैल एवं अरबाज भी कोर्ट में मौजूद थे। करीब ११.१५ बजे सत्र न्यायालय के जज डी.डब्ल्यू. देशपांडे ने सलमान से पूछा कि आप पर सभी आरोप साबित हो रहे हैं। आपको १० साल तक की सजा हो सकती है। आपको कुछ कहना है ? जवाब में सलमान ने कहा कि आप जज हैं। आप जो करेंगे ठीक होगा। सलमान के इस जवाब के बाद ही जज ने आईपीसी की धारा 304 (2) अर्थात गैरइरादतन हत्या सहित सात अन्य धाराओं में दोषी करार दिया और सलमान ने चुपचाप सिर झुका लिया।
सलमान पर दोष सिद्ध होने के बाद अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष के वकीलों में सजा की अवधि को लेकर जिरह शुरू हुई। अभियोजन पक्ष गैरइरादतन हत्या के मामले में सलमान के लिए पूरे 10 साल के सश्रम कारावास की मांग कर रहा था। जबकि बचाव पक्ष सलमान द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का हवाला देते हुए कम से कम, अर्थात तीन वर्ष के कारावास एवं सामाजिक सेवा की सजा देने की मांग कर रहा था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आईपीसी की धारा 304(2) के तहत सलमान को पांच साल के सश्रम कारावास एवं २५ हजार रुपए नकद जुर्माने की सजा सुनाई। कुछ अन्य धाराओं के तहत भी कारावास की सजा सुनाई गई, जो पहली सजा के साथ ही चलनी हैं। यह सजा सुनने के बाद सलमान सिर नीचा कर रो पड़े।
माना जा रहा था कि सत्र न्यायालय से तीन साल से अधिक की सजा सुनाए जाने के बाद सलमान को उच्चन्यायालय से जमानत मिलने में कुछ दिन लग सकते हैं। ऐसी स्थिति में सलमान को मुंबई के आर्थर रोड जेल में रहना पड़ सकता था। उन्हें जेल ले जाने के लिए जेल का वाहन भी तैयार था। लेकिन सुनियोजित रणनीति के तहत उनके वकीलों ने सत्र न्यायालय के निकट ही स्थित मुंबई उच्चन्यायालय में दोपहर ३.१५ बजे तक जमानत की अर्जी दाखिल कर दी। चूंकि निचली अदालत से उन्हें सजा के फैसले की प्रमाणित प्रति हासिल नहीं हो सकी थी, इस आधार पर उच्चन्यायालय ने उन्हें दो दिन की अंतरिम जमानत दे दी । सलमान की जमानत पर अगली सुनवाई उच्चन्यायालय में ८ मई को होगी।
स्त्रोत : जागरण