पौष शुक्ल पक्ष १३, कलियुग वर्ष ५११५
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नई दिल्ली – यूपीए सरकार के अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण की नीति को जारी रखते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने हाल ही में सभी मुख्यमंत्रियों से कहा वे उन अल्पसंख्यक समाज के नौजवानों को रिहा कर दें अगर वे गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में हैं। उनका साफतौर पुरा इशारा मुसलमानों से था। उनकी तरफ से मुख्यमंत्रियों को भेजे पत्र की रोशनी में राज्य अल्पसंख्यक आयोगों का वार्षिक सम्मेलन सोमवार को होगा। इस वर्ष के सम्मेलन का जोर प्रधानमंत्री के १५ सूत्री कार्यक्रम के प्रभाव की समीक्षा पर होगा। इसका उद्घाटन अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री तथा अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री की मौजूगी में प्रधानमंत्री करेंगे। सम्मेलन में राष्ट्रीय तथा राज्य अल्पसंख्य आयोगों के अध्यक्ष तथा सदस्य, स्वयंसेवी संगठन तथा राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। यह सम्मेलन प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता ताकि राज्यों में अल्पसंख्यक लोगों की समस्योँ से निपटने में राज्य अल्पसंख्यक आयोगों की अनुभवों को साझा किया जा सके तथा अल्पसंख्यकों तथा उनके सामाजिक आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के उपाय किये जा सकें।
महत्वपूर्ण है कि साल २००६ में प्रारंभ किये गए नए १५ सूत्री कार्यक्रम का उद्देश्य अल्पसंख्यकों के कल्याण, उनकी सुरक्षा तथा विकास को सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न विकास योजनाओं तथा सरकारी कार्यक्रमों का लाभ समान रूप से अल्पसंख्यकों को मिले खासकर उन लोगों को जो अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में रह रहे हैं। कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न गरीबी उपशमन योजनाओं के तहत १५ प्रतिशत का लक्ष्य अल्पसंख्यकों के लिए निर्धारित है तथा सार्वजनिक क्षेत्र सहित सरकार में अल्पसंख्यकों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग तथा राज्यों के अल्पसंख्यक आयोग अल्पसंख्यकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उचित कदम उठाने की सिफारिश करते हैं।
राज्यों को इस बात पर अवश्य बल देना चाहिए कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, आवास जैसी मौलिक आवश्यकताएं पूरी हों और अल्पसंख्यकों का रोजगार सुनिश्चित हो। राज्यों को ऐसा ढ़ांचा विकसित करना चाहिए जिसमें शासन में अल्पसंख्यकों की भागीदारी हो और अल्पसंख्यक विकास प्रक्रिया के सभी पहलुओं से जुड़ें।
अल्पसंख्यक आयोग की बैठक में नए १५ सूत्री कार्यक्रम की उपलब्धियों की चर्चा होगी तथा अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा की जाएगी।
स्त्रोत : निती सेन्ट्रल