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आरएसएस कार्यकर्ताओं पर ४०-५० टोपीधारी शांतिप्रिय लोगों ने किया जानलेवा हमला

पौष शुक्ल पक्ष १३, कलियुग वर्ष ५११५

नई दिल्ली – दिल्ली अब सच में दारुल इस्लाम की और बढ़ चुकी है ! कल की यह शांतिप्रिय घटना दिल्ली के गीता कॉलोनी के पास रानी गार्डन में घटी जहाँ आरएसएस की शाखा में एक शांतिप्रिय समुदाय से एक वृद्ध मियां आये और पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे बड़े ही शांतिपूर्वक अंदाज मेँ लगाने लग गये।

कुछ स्वयंसेवकों ने इस पर आपत्ति की तो वो मियां वहां से चले गए, किन्तु कुछ देर बाद वो ८-१० टोपी धारक लडकों को लेकर पुनः आए और कहा-सुनी के बाद मारपीट शुरू कर दिया. संख्यां और बल में बराबर होने के कारण तत्काल कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। हाँ दोनों ओर से हाथापाई जरुर हुई। कुछ उमरदराज स्वयंसेवकों के हस्तक्षेप से मामला तत्काल थम गया।

इसके बाद एक ४०-५० टोपीधारी शांतिप्रिय भलमानुसों की एक टोली आई और उन्होंने वर्त्तमान भारत के एक मात्र सर्टिफाइड साम्प्रदायिक दल (आरएसएस) की तथाकथित शाखा-कार्य तल्लीन अशांत टोली के लोगों पर अचानक धावा बोल दिया। स्वयंसेवकों को बुरी तरह पीटा गया जो संख्या में केवल ६-७ थे। इतना ही नहीं; घटनास्थल के नजदीक ही स्थित एक 'जागरण समिति' के एक कार्यकर्त्ता की दूकान में तोड़फोड़ करने के उपरांत उनके पुरे परिवार (औरतों और बच्चों सहित) की बड़ी ही शांति से जबरदस्त पिटाई की गई। खबर की सुचना मिलते ही आनन-फानन कुछ अन्य स्वयंसेवक वहां सहायता के लिए पहुंचे, उससे पहले ही एक स्वयंसेवक को एक पुलिस वाले ने जिसका नाम "नौशाद" था; पकड़ कर नंगा कर दिया और मारते हुए थाने तक ले गया। कुछ अन्य स्वयं सेवकों के साथ इन्हें थाने बंद कर दिया गया और यहाँ भी इनके साथ मार-पीट के साथ-साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया।

इतने में इस घटना की ख़बर आग की तरह राजधानी के पूर्वी जिले में पूर्णतः फ़ैल चुकी थी। रात के लगभग ८.३० बजे तक थाने पर लगभग १०००-१२०० लोगों की भीड़ जमा हो चुकी थी। थाने पर जबरदस्त नारेबाजी होनी शुरू हो गई। पुलिस की एकतरफा कार्रवाई के विरोध में स्वयंसेवकों ने गीता कॉलोनी थाने पर नारेबाजी करते हुए खुरेजी और झील मार्ग को ब्लाक कर दिया। मौके पर क्षेत्र के विधायक और प्रतिपक्ष के नेता श्री हर्षवर्धन भी पहुंचे। पुलिस के खिलाप जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। १२-१ बजे तक यह सब चलता रहा। ३०००-४००० की भीड़ देख कर पुलिस के भी हाथ पांव फूल गये। आनन् फानन में आरोपी पुलिस वाले को सस्पेंड कर दिया गया। इतना सब कुछ होने के बाद भी वर्त्तमान स्थिति यह है कि स्वयंसेवकों पर अभी भी पुलिस ने केस दायर कर रखे हैं। जबकि सुबह तक वहां तनाव की स्थिति बनी हुई थी। वही के एक निवासी ने केजरीवाल जी को फ़ोन किया पर इस मुद्दे पर उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की दुहाई दी और मामले को रफा दफा कर दिया। लोगों का मानना है कि 4 दिन हुए नहीं कि सरकार की गुंडागिरी शुरू हो गयी। दिल्ली की जनता वर्त्तमान सरकार की चंद घंटों के कार्य से ही अपने को ठगा महसूस कर रही है।

स्त्राेत : न्यूज टूडे टाइम

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