पौष शुक्ल पक्ष १३, कलियुग वर्ष ५११५
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नई दिल्ली – कश्मीर पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे आम आदमी पार्टी (आप) नेता प्रशांत भूषण फिर निशाने पर हैं। इस बार उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती को लेकर जनमत संग्रह कराने की वकालत की है। भूषण के सुझाव को भाजपा ने आड़े हाथ लिया है। आप ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया है। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस तरह के बयानों से मसले से निपटने के लिए राज्य सरकार की मदद से केंद्र सरकार के उठाए जा रहे कदम बेकार हो जाएंगे और सुरक्षाबलों का मनोबल भी टूटेगा।
भाजपा ने आप के नेतृत्व और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। सीतारमण ने कहा कि इतने अहम और गंभीर मसले पर प्रशांत भूषण के बयान से भाजपा सकते में है। भाजपा आंतरिक सुरक्षा से जुड़े सीधे मुद्दे पर इस तरह के बयानों को खारिज करती है। जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद नक्सलवाद को देश के लिए खतरा बता चुके हैं, तो ऐसे बयान राष्ट्र के लिए ठीक नहीं हैं। भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले नक्सलियों से निपटने में जुटे सुरक्षाबलों को हतोत्साहित करना ठीक नहंी है। आप नेतृत्व को सामने आकर मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करके तूफान खड़ा कर दिया था। हालांकि उस समय आम पार्टी ने उनके इस बयान से खुद को अलग कर लिया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे उनका निजी बयान बताया था।
यू-ट्यूब पर फूंका गया प्रशांत भूषण का पुतला
आगरा – मोबाइल, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग माध्यमों से राजनीतिक लड़ाई में झंडे गाड़ने वाली आम आदमी पार्टी के खिलाफ भाजपा ने ऐसा ही हाईटेक हथियार इस्तेमाल किया है। पार्टी की आगरा इकाई ने आप नेता व दिल्ली के मंत्री प्रशांत भूषण का 'ई-पुतला' जलाकर उसका वीडियो यू-ट्यूब पर अपलोड किया है। कश्मीर में जनमत संग्रह संबंधी उनके बयान के विरोध के लिए भाजपा ने ये अनूठा तरीका अपनाया।
अपने गुस्से को जाहिर करने के लिए अब तक प्रदर्शनों में सड़कों पर ही पुतला फूंका जाता रहा है। लेकिन भाजपा ने विरोध की इस लड़ाई को इंटरनेट पर पहुंचा दिया। आप नेता के खिलाफ यू-ट्यूब पर अपलोड किए गए 27 सेकेंड के इस वीडियो में उन्हें तानाशाह बताया गया है। कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताते हुए प्रशांत से देश छोड़ने की अपील की गई है। यू-ट्यूब पर वीडियो अपलोड करने वाले ब्रज प्रांत के संयोजक मयंक लवानिया का कहना है कि उन्होंने ई-पुतला इसलिए जलाया ताकि ये विरोध ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। सड़कों पर पुतला जलाने से कम लोग आते और उन लोगों का समय भी ज्यादा खर्च होता। हमारा मकसद केवल आप नेता की मानसिकता का विरोध दर्ज कराना था, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना नहीं। ये राजनीतिक नहीं, वैचारिक विरोध है।