पौष शुक्ल पक्ष १४, कलियुग वर्ष ५११५
क्या भारतका चुनाव आयोग बांग्लादेशके चुनाव आयोग समान ऐसा कह सकता है ?
ढाका – यहां आगामी १६ जनवरीको आठ निर्वाचन क्षेत्रोंमें फेरचुनाव होनेवाले हैं । इस अवसरपर कानून एवं सुरक्षा बनाए रखनेके लिए सुरक्षा तंत्रोंके साथ आयोजित बैठकमें मुख्य चुनाव आयुक्त काधी रकिबुद्दीन अहमदने कहा कि ५ जनवरीके सार्वत्रिक चुनावोंके उपरांत बांग्लादेशके विविध क्षेत्रोंमें हिंदुओंपर आक्रमण हो रहे हैं । ये आक्रमण रोकने हेतु हमने कानून कार्यान्वित करनेवाले तंत्रोंको उचित प्रबंध करनेका आदेश दिया है । आक्रमण रोकनेके लिए हमारे तंत्र सिद्ध हैं ।
१. बांग्लादेश नेशनेलिस्ट पार्टी (बीएनपी) एवं जमात-ए-इस्लामी विपक्षोंके कार्यकर्ताआेंद्वारा ये आक्रमण किए गए ।
२. सत्ताधारी आवामी लीग पुनः चुनावमें सफल हुआ । विपक्षियोंद्वारा ‘इस पक्षको हिंदुओंने मत प्रदान किए’, ऐसा आरोप लगाकर ये आक्रमण किए गए।
३. चुनावसे पूर्व तथा चुनावके पश्चात भी राजशाही, दिनजापुर, ठाकुरगाव, पांचगढ तथा जेस्सोर जिलेमें आक्रमण किए गए ।
४. विपक्षियोंके कार्यकर्ताओेंने हिंदुओंके कार्यकर्ताओंके घरोंको लूटा तथा उनपर अत्याचार किए । जेस्सोरमें कुछ हिंदुओंने मतदान किया, जिससे क्रोधित होकर उनके रिश्तेकी दो हिंदु महिलाओंपर बंदुकका धाक दिखाकर बलात्कार किया गया ।
५. प्रधानमंत्री शेख हसिनाने कहा है कि आक्रमणके पीछे रहनेवाले लोगोंपर निश्चित रूपसे कठोर कार्यवाही की जाएगी । उन्होंने इस आक्रमणके लिए प्रमुख खालिदा जियाको उत्तरदायी ठहराया है । सरकारने इस आक्रमणके संदर्भमें अपराधियोंपर कार्यवाही करने हेतु विशेष मध्यस्थ (लवाद) स्थापित करनेका निर्णय लिया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात