श्रीनगर : उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी नैशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के लिए अलग बस्ती बनाए जाने का विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि अगर सरकार कश्मीरी पंडितों के लिए अलग कॉलोनी बनाने की कोशिश करती है, तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के डेप्युटी सीएम निर्मल सिंह ने हाल ही में साफ किया था कि राज्य सरकार का पक्का इरादा है कि कश्मीरी पंडितों को अलग कॉलोनी बनाकर वापस घाटी में लाया जाए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नैशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि वह पंडितों को घाटी में लाने का स्वागत करती है, लेकिन उनके लिए अलग बस्तियों का विरोध किया जाएगा।
नैशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा, ‘हम कश्मीरी पंडितों के लिए अलग बस्तियों के खिलाफ हैं। हम उनका कश्मीर में स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार को उनके लिए अलग बस्तियां नहीं बनाने देंगे। हम चाहते हैं कि कश्मीरी पंडित अपने पैतृक स्थान पर वापस आएं, अलग बस्तियों में नहीं।’
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीक असलम ने भी इस मामले पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से बस्ती बनाना यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल के प्रावधानों का उल्लंघन होगा।
पाक के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि कश्मीरी पंडित भी मुस्लिमों और सिखों की तरह जम्मू-कश्मीर के ही हैं, कोई बाहरी नहीं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स