पौष शुक्ल पक्ष १४, कलियुग वर्ष ५११५
-
हिंदुओ, इस सफलताके विषयमें ईश्वरके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
-
हिंदुनिष्ठोंके संगठित विरोधका परिणाम !
बेंगलुरु – हिंदुनिष्ठोंके प्रखर विरोधके कारण यहां १५ से १७ जनवरीकी कालावधिमें आयोजित विवादास्पद ईसाई मिशनरी बेन्नी हीनका कार्यक्रम निरस्त किया गया है । हिंदुनिष्ठोंद्वारा पूरे कर्नाटक राज्यमें असाध्य रोग दूर करनेके नामपर हिंदुओंको फंसाकर उनका धर्मपरिवर्तन करनेका प्रयास करनेवाले बेन्नी हीनके विरुद्ध आंदोलन आरंभ किया गया था ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
असाध्य व्याधि ठीक करनेका दावा करनेवाले ईसाई मिशनरी बेन्नी हीनके विरोधमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा प्रदर्शन
बेंगलुरूमें प्रदर्शन करते हुए हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता |
|
बेंगलुरू, १२ जनवरी –अमेरिकाके विवादग्रस्त ईसाई मिशनरी बेन्नी हीनकी उपस्थितिमें नगरमें १५ से १९ जनवरीको आयोजित मेलाका विरोध करने हेतु हिंदू जनजागृति समितिद्वारा टाऊन हॉलमें प्रदर्शन किया गया । उस समय बेन्नी हीनके पुतलेका दहन किया गया । साथ ही बेन्नी हीनद्वारा फंसानेके जो कार्य किए जा रहे हैं, उनके आधारपर पथनाटिका प्रस्तुत की गई । तदुपरांत रास्ताबंद आंदोलन कर उनके मेलेके प्रति विरोध प्रदर्शित किया गया । उस अवसरपर समितिके समन्वयक श्री. चंद्रु मोगर, श्रीराम सेनाके श्री. शिवकुमार रेड्डी, अधिवक्ता शशिधर, अधिवक्ता देवदास, श्री. शिवशंकर (संस्थापक सामासेवा), युथ फोर नेशनके श्री. सुनील कुमार, श्री. मुद्दुकुमार, श्री. कश्यप, कु. नागमणि, सनातन संस्थाकी श्रीमती पूर्णिमा प्रभु एवं अन्य धर्माभिमानी हिंदू सम्मिलित हुए ।
बेन्नी हीन अपने आपको चमत्कार करनेवाले तथा येशू ईसाईके दूत मानते हैं । केवल प्रार्थनाद्वारा असाध्य व्याधि ठीक होनेका दावा करते हैं । हिंदू संगठनोंका कहना है कि बेन्नी हीन इस नौटंके कृत्यसे भोली जनताको फंसाकर उनका धर्मपरिवर्तन करते हैं । बेन्नी हीन इससे पूर्व वर्ष २००५ में बेंगलुरू आए थे । उस समय भी हिंदू संगठनोंद्वारा उनके विरोधमें आंदोलन किया गया था । उस प्रदर्शनमें १०० से अधिक यात्री वाहन(बसें)जलाए गए थे । साथ ही हीनके विरोधमें उच्च न्यायालयमें ५ याचिकाएं प्रविष्ट की गई थीं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात