पौष शुक्ल पक्ष १५, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, ‘लव-जिहाद’ तथा ‘जिहाद-ए-इश्क’के आक्रमण रोकने हेतु हिंदू लडकियोंको धर्मशिक्षा दें !
‘लव-जिहाद’ का लवण अब उत्तरप्रदेशके पश्चिमी क्षेत्रमें फैल गया !
नई देहली – देहली पुलिसके विशेष विभागद्वारा हाल-हीमें लष्कर-ए-तोयबाके महंम्मद शहीद एवं महंम्मद रशीद दो हस्तकोंको बंदी बनाकर उनसे पूछताछ की गई । इससे ऐसी बात सामने आई है कि पाकिस्तानकी जिहादी गुप्तचर संस्था आय.एस.आय. तथा लष्कर-ए-तोयबाकी मिलीभगतसे धर्मांध युवकोंने हिंदुओंके नाम धारण कर हिंदुओंके लडकियोंको अपने जालमें फंसाकर विवाह करना एवं पश्चात उनका धर्मपरिवर्तन कर उन्हें छोड देना ऐसा प्रकार आरंभ किया है । ‘लव-जिहाद’के इस नए रूपको ‘जिहाद-ए-इश्क’ नाम दिया गया है । यह ऐसा षडयंत्र रचा गया है जिससे हिंदू समाजकी नैतिक एवं भावनाके स्तरपर हानि हो ।
१. उत्तरप्रदेशके मुजफ्फरनगर तथा मीरत दो जनपदोंमें आय.एस.आय.संस्थाने अपना जाल फैलया है । इसके लिए स्थानीय मदरसाओंके मौलवीओंकी सहायता भी ली गई है ।
२. आय.एस.आय. एवं लष्कर-ए-तोयबाकी सहायतासे अनेक बेरोजगार एवं धर्मांध युवकोंको हिंदू लडकियोंको प्रेमके जालमें फंसानेका प्रशिक्षण दिया जाता है ।
३. उन्हें हिंदू नाम देकर हिंदुओंके समान आचरण करना सीखाया जाता है । तत्पश्चात उन्हें दोपहिये, भ्रमणभाष संच तथा आकर्षक वस्र देकर हिंदू लडकियोंसे प्रेमका नाटक करनेको कहा जाता है ।
४. इन लडकियोंसे विवाह करनेके उपरांत ही उन्हें लडकोंकी पहचान होती है । तबतक बहुत देर हो जाती है । तदुपरांत इन लडकियोंका धर्मपरिवर्तन कर उन्हें वेश्याव्यसायमें धकेल दिया जाता है ।
५. यह जानकारी मिलनेपर देहली पुलिसके एक दलद्वारा उत्तरप्रदेशके इस क्षेत्रमें जाकर इस घटनाकी निश्चिती की गई; परंतु इस घटनाके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई यह स्पष्ट नहीं हो पाया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात