भारत से अलग होने की मांग करनेवाले कश्मीर के अलगाववादियों के विरुद्ध उन्होंने क्या कभी मुंह खोला है ? क्या उन्होंने भारत में सांप्रदायिक आक्रमण करनेवाले जिहादी आतंकवादियों के टुकडे करने की बात कभी कही है ? क्या कभी भारत में घुसपैठ करनेवाले बांग्लादेशी मुसलमानों के विरुद्ध बात की है ? इससे उनका हिन्दुद्वेष ही दिखार्इ देता है । ऐसे नेता का राष्ट्रप्रेमी जनता ने विरोध करना चाहिए ।
लखनऊ: यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने एक बार फिर विवादित बयान देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा है। मंगलवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ”अब वक्त आ गया है कि मुससमान एकजुट हो जाएं और आरएसएस के टुकड़े-टुकड़े कर दें। उसे आरएसएस से आर एस एस बना दें।” अपने विवादित बयान के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सपा नेता ने कहा, ”कुछ सांप्रदायिक ताकतें देवबंद, बरेलवी और शिया-सुन्नी के नाम पर मुस्लिमों को आपस में लड़ा रही है। उन्हें एकजुट होकर इसका वाजिब जवाब देना चाहिए। आरएसएस के टुकड़े-टुकड़े कर देना चाहिए। इसके लिए उलेमा मुसलमानों को एकजुट करें, ताकि वे सांप्रदायिक ताकतों का खात्मा कर सकें।
बंटवारे पर कहा- क्या दूसरों की तरह पाकिस्तान चला जाना चाहिए था?
आजम ने बंटवारे को लेकर भी एक ऐसा बयान दिया है जो विवाद खड़ा कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत-पाक विभाजन के बाद आज मुसलमान पछता रहा है। वह इस सोच में पड़ गया है कि विभाजन के समय भारत में रुकने का उसका फैसला क्या सही था या उन्हें भी दूसरों की तरह पाकिस्तान चले जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बंटवारे के वक्त भागते हुए मुसलमानों को बापू की आवाज और मौलाना अबुल कलाम आजाद की तकरीर ने रोका था। उन्होंने कहा कि आज के समय में राजनीति करने वाले कह रहे हैं कि जो पाकिस्तान चले गए, वे वहीं के हो गए हैं। जो यहां रह गए है उनपर यकीन मत करो। इसलिए देश का हर मुसलमान सोच में पड़ गया है कि उसका हिंदुस्तान में रहने का फैसला सही था या गलत। वहीं, बीजेपी विधायक संगीत सोम ने कहा कि यदि आजम को इतनी दिक्कत है, तो उन्हें हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
हिंदू महासभा चला रही – गद्दारों भारत छोड़ो आंदोलन
बताते चलें कि हाल ही में हिंदू महासभा उन मुसलमानों के खिलाफ ‘गद्दारों भारत छोड़ो आंदोलन’ चला रही है, जो उनके मुताबिक देश से गद्दारी कर रहे हैं। सबसे बड़ा निशाना यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खान हैं। इसके अलावा, एमआईएम पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी भी उनके निशाने पर हैं।
स्त्रोत: दैनिक भास्कर