नई दिल्ली – मुस्लिम संगठन के नेता और पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। मदनी ने कहा है कि मुस्लिमों की धार्मिक आस्था को हिन्दू संगठनों से खतरा है। मदनी ने दारूल उलूम देवबन्द में मुस्लिमों की धार्मिक आस्था और धर्म स्थानों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने सवाल किया है कि ‘मोदी सरकार में मुस्लिमों की ‘धार्मिक स्वतंत्रता’ को कैसे बचाया जाए।’
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने दारूल उलूम देवबन्द में एक ‘फतवा’ जारी कर कहा कि मुस्लिमों की धार्मिक आस्था और स्थानों को हिन्दु संगठनों से खतरा है। 16 मई को इसके खिलाफ मदनी ने मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर दिल्ली में मुस्लिमों की बड़ी रैली करने की घोषणा की।
मदनी ने कहा कि वह मोदी सरकार में धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यकों पर हमले और धर्म परिवर्तन (घर वापसी) जैसे हिन्दु संगठनों के कार्यक्रमों के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत करेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता देश का गौरव है और मोदी सरकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है। देश की जनता इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जबाव चाहती है।
स्त्रोत: दैनिक भास्कर