क्या बांग्लादेश की यात्रा पर रहनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां के हिन्दुओं पर होनेवाले भीषण अत्याचारों पर ध्यान देंगे ?
आंदोलन में सम्मिलित विविध संगठनों के कार्यकर्ता
ढाका – बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर होनेवाले बढते आक्रमण, अत्याचार, अपहरण, सामूहिक हिंसा, सामूहिक बलात्कार, लूटपाट, घरों एव मंदिरों को आग लगाना, देवी-देवताओं की विडंबना, भूमि पर अतिक्रमण, हठपूर्वक महिला एवं लडकों का धर्मपरिवर्तन इत्यादि के लिए उत्तरदायी अपराधियों पर कठोर कार्यवाही करने की मांग के लिए ४ जून को यहां अनेक संगठनों द्वारा आंदोलन किया गया था । इस आंदोलन में ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’, ‘ग्लोबल ह्युमन राइट्स डीफेंस’, ‘बांग्लादेश सेंटर फॉर ह्युमन राइट्स एंड डेवलपमेंट’, ‘ह्युमन राइट्स डिफेंडर्स फोरम इत्यादि संगठन सम्मिलित हुए थे । इस आंदोलन में भाग लेनेवाले लोगों ने प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार देना, अल्पसंख्यकों पर होनेवाले आक्रमण रोकना तथा पीडितों को न्याय देकर उनका पुनर्वसन करना इत्यादि मांगें की । इस आंदोलन में अनेक नागरिक भी सम्मिलित हुए थे ।
इस अवसर पर आयोजित सभा में बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के डॉ. चंदन मित्रा एवं माणिक चंद्र सरकार, बांग्लादेश सेंटर फॉर ह्युमन राइट्स एंड डेवलपमेंट के महम्मद महाबुल हक, जानौद्दक के महम्मद तारिक हुसेन, ह्युमन राइट्स डिफेंर्स फोरम के धीरेंद्र नाथ महान्तो इत्यादि ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया । बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के अधिवक्ता रवींद्र घोष सभा के अध्यक्षपद पर थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात