आषाढ कृ १४, कलियुग वर्ष ५११४
पुणेमें हिंदुद्वेषी चित्रकार हुसैनपर आयोजित होनेवाली प्रदर्शनी रद्द होनेके विषयमें समाचारपत्रिका ‘लोकमत’की ओरसे सांस्कृतिक आतंकवाद करनेका समितिपर कथित आरोप
समाचारपत्रिका ‘लोकमत’के पुणे आवृत्तिके ‘हैलो’ पूरक पठनमें पृष्ठ क्र. ८ पर ‘पुणेके १२ चित्रकारोंकी प्रदर्शनी तितर-बितर कर हुसैनपर विद्यमान क्रोध चित्रकारोंपर’ इस आशयका समाचार प्रसारित कर अकारण ही समितिकी अपकीर्ति की गई है । आगे इस समाचारपत्रिका, में ‘चित्रप्रदर्शनी सांस्कृतिक आतंकवादद्वारा तितर-बितर की गई है’, ऐसा भी कहा गया था । उसपर आवृत्तिके संपादकोंको ‘‘त्वरित स्पष्टीकरण प्रसिद्ध करें, अन्यथा वैध मार्गसे कार्यवाही की जाएगी’, ऐसी चेतावनी श्री. वटकरजीद्वारा दी गई । इस स्पष्टीकरणमें आगे बताया है, ‘‘प्रदर्शनीके आयोजक श्री. सुतारके साथ ८ जूनको चर्चा करनेके पश्चात समझा-बुझाकर निश्चित किया गया था कि हुसैनको महानता प्रदान करनेका कार्यक्रम रद्द किया जाएगा । उसके अनुसार श्री. वटकरजीने समितिकी ओरसे श्री. सुतारको कार्यक्रम रद्द करनेकी मांग करनेका एक पत्र भेजा था । उसे श्री. सुतारने सकारात्मक प्रतिसाद देकर प्रदर्शनीको तात्कालिक प्रभावसे रद्द करनेकी बात कही थी । तदुपरांत श्री. वटकरजीने धर्महानि रोकनेके विषयमें श्री. सुतारको आभारपत्र भेज दिया । इस प्रकार हिंदु जनजागृति समिति सदा ही प्रबोधन कर, वैध मार्गसे एवं इससे आगे भी देखा जाए, तो पूर्व अनुमति लेकर ही निदर्शन करती रही है, तो इस प्रकारके आरोप लगाना सर्वथा अनुचित है’’, ऐसा भी श्री. वटकरजीने स्पष्टीकरणमें बताया था ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात