माघ कृष्ण पक्ष १, कलियुग वर्ष ५११५
पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेके मार्गदर्शनका लाभ उठाते हुए पहाडगंजके बच्चे |
नई देहली – पहाडगंज, देहलीके बाबा खिलौनादास मंदिरमें स्वामी विवेकानंदकी १५१वीं जयंतीके अवसरपर आयोजित पुष्पांजली कार्यक्रममें प्रमुख वक्ताके रूपमें हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे मार्गदर्शन कर रहे थे । उस समय उन्होंने यह प्रतिपादन किया कि स्वामी विवेकानंदने सर्व विश्वको हिंदु धर्मका महत्त्व सिद्ध कर दिखाया । स्वामी विवेकानंदके कार्यके पीछे उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंसके आशीर्वाद थे । सद्यस्थितिमें हिंदु धर्मकी रक्षा करनेके लिए भौतिक शिक्षाके साथ ही गुरु-शिष्य परंपराकी आवश्यकता है । भक्ति, शक्ति एवं ज्ञानके अमूल्य त्रिवेणी संगमसे स्वामी विवेकानंदने राष्ट्र एवं धर्मकी सेवा की । सद्यस्थितिमें देश एवं धर्मकी स्थिति देखते हुए इसी त्रिवेणी संगमके माध्यमसे राष्ट्ररक्षा तथा धर्मजागृति हेतु प्रयास करना, यही वास्तविकरूपसे स्वामी विवेकानंदको अर्पण की गई श्रद्धांजली सिद्ध होगी ।
यहां उपस्थित छोटे बच्चोंको उद्देशकर पू. डॉ. पिंगळेने आगे बताया, सबको स्वामी विवेकानंदका आदर्श सामने रखकर भारतीय संस्कृतिका पालन करना चाहिए । इसके लिए हमें हमारा जन्मदिन, नया वर्ष, आदि पाश्चात्त्य संस्कृतिके अनुसार मनानेकी अपेक्षा हिंदु संस्कृतिके अनुसार मनाना चाहिए । इस आवाहनके लिए बच्चोंद्वारा भी प्रतिसाद प्राप्त हुआ । साथ ही बच्चोंने यह भी बताया कि वे प्रत्येक कृत्य हिंदु संस्कृतिके अनुसार करेंगे ।
समितिके श्री. दैवेश रेडकरने उपस्थित लोगोंको बालसंस्कार डोट कोम इस संकेतस्थलके माध्यमसे बच्चोंको संस्कारके विषयमें अवगत करनेवाले समितिके प्रयासोंकी जानकारी दी ।
बाबा खिलौनादास मंदिरकी ओरसे स्वामी विवेकानंदकी जयंतीनिमित्त इस दिन छोटे बच्चोंकी चित्रकला, स्वामी विवेकानंदपर वक्तृत्व आदि स्पर्धाका आयोजन किया गया था । इस स्पर्धामें विजयी बच्चोंको पू. डॉ. पिंगळेके हाथों पारितोषिक दिया गया । उस समय सनातन संस्थाकी श्रीमती सपना खन्ना, श्री. विपुल खन्ना, बाबा खिलौनादास मंदिरके प्रमुख श्री. जीत सिंह, श्री. रमण सिंघल आदि उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात