नर्इ देहली – भारत ने २९० किमी तक मार करने वाली सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के अडवांस वर्सन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। मिसाइल ‘स्टीप डाइव कपैबिलिटीज’ से सुसज्जित है जिससे यह पहाड़ी क्षेत्रों के पीछे छिपे टारगेट पर भी निशाना साध सकती है, इस कामयाब टेस्ट से मिसाइल के भारतीय सेना में पूरी तरह शामिल होने का भी रास्ता साफ हो गया है। सेना में ब्रह्मोस ब्लॉक-1 और ब्लॉक-2 रेजिमेंट को शामिल किया गया है। शुक्रवार और शनिवार को इसके ब्लॉक-3 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
सरकार ने ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती चीन के साथ लगी अरुणाचल सीमा पर करने का फैसला किया है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में पूर्व में छपी रिपोर्ट में इसका उल्लेख भी किया था। भारत की कोशिश, चीन के साथ लगी ४०५७ किमी लंबी सीमा पर पड़ोसी देश की तरफ से बढ़ाए जा रहे सैन्य ढांचे का वक्त आने पर मुकाबला करने की है।
ब्रह्मोस मिसाइलों के ऑर्डर अभी ही २६,७७६ करोड़ रुपए तक पहुंच गए हैं, और नेवी ने भी इस मिसाइल को अपनी कई वॉरशिप पर तैनात किया है, जिसमें रडार की पकड़ में न आने वाले पोत भी शामिल हैं। IAF भी इस क्रूज मिसाइल को अपने हेवी ड्यूटी फाइटर सुखोई-30MKI पर लगाने जा रही है।
ब्रह्मोस चीफ सुधीर मिश्रा ने कहा, ‘शुक्रवार और शनिवार को जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल का परीक्षण देश के पूर्वी क्षेत्र में 200 किमी की दूरी तक किया गया। इस टेस्ट ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यह घातक मिसाइल छोटे से छोटे निशाने को भी भेद पाने में सक्षम है।’
मिश्रा ने आगे कहा, ‘यह ब्रह्मोस का ४८ वां टेस्ट था, और शनिवार को भी इसने एकदम उसी टारगेट को हिट किया जिसे इसने शुक्रवार को किया था। इसने उच्चस्तर कौशल समेत सभी मानदंडों को पूरा किया।’
ब्रह्मोस मिसाइल का भारत और रूस मिलकर विकास कर रहे हैं। मल्टि मिशन मिसाइल की मारक क्षमता २९० किलोमीटर की है और इसकी गति २.८ मैक यानी ध्वनि की क्षमता से तीन गुना तेज है। यह जमीन, समुद्र, उप समुद्र और आकाश से समुद्र और जमीन पर स्थित टारगेट पर मार कर सकती है। ब्रह्मोस के एयर फॉर्मेट को भारतीय वायु सेना के सुखोई-३० एमकेआई स्ट्राइक फाइटर पर उड़ान टेस्ट के लिए तैयार किया जा रहा है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स