माघ कृष्ण पक्ष २, कलियुग वर्ष ५११५
जोधपुर – जोधपुर के गांधी मैदान में प.पू. आसारामजी बापू के समर्थन में जेल भरो आंदोलन को लेकर आयोजित संत सम्मेलन में सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास व जोधपुर शहर विधायक कैलाश भंसाली भी मौजूद रहे। जिस मंच से प.पू. आसारामजी बापू की रिहाई पर चेतावनी दी जा रही थी उस पर विधायकों की मौजूदगी सवालों के घेरे में है। सम्मेलन में संतों ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज पर आरोप लगता है तो कमेटी बैठा दी जाती है। जबकि प.पू. आसारामजी बापू जैसे संत पर आरोप लगते हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। राजस्थान व गुजरात में प.पू. बापू को इंसाफ नहीं मिलेगा, इसलिए उनकी सुनवाई दिल्ली में करवाई जाए। संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने घोषणा की है कि 4 फरवरी को बसंत पंचमी तक प.पू. आसारामजी बापू जमानत पर रिहा नहीं हुए तो देश में जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
धर्मरक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए चक्रपाणि ने कहा कि प.पू. आसारामजी बापू को षडयंत्र के तहत फंसाया गया है। सम्मेलन में कई संतों के अलावा महाभारत फेम अभिनेता मुकेश खन्ना, पंकज धीर, अर्जुन ने भी विचार रखे। प.पू. आसारामजी बापू नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में एक सितंबर २०१३ से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। बाद में विधायकों ने प.पू. आसारामजी बापू से किनारा किया, लेकिन कार्यक्रम में जाने पर ही सवाल सम्मेलन के बाद सूरसागर विधायक व्यास ने कहा कि मैं संतों का आशीर्वाद लेने गई थी। प.पू. आसारामजी बापू की पैरवी करने नहीं गई।
शहर विधायक कैलाश भंसाली ने कहा कि केंद्र सरकार संतों के खिलाफ कानून ला रही है। इसके लिए गया था। प.पू. आसारामजी बापू से कोई लेना देना नहीं है। संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज लंबे समय से प.पू. आसारामजी बापू के पक्ष में आवाज उठाते रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी को गलत ठहराते रहे हैं। प.पू. आसारामजी बापू के पक्ष में धर्मरक्षा मंच के माध्यम से अहमदाबाद, दिल्ली, सूरत व मुंबई में सम्मेलन हो चुके हैं। जो मांगें जोधपुर सम्मेलन में उठी, वैसी ही पहले के ४ सम्मेलनों में उठी थी।
स्त्रोत : दक्षिण भारत राष्ट्रमत