माघ कृष्ण पक्ष ३, कलियुग वर्ष ५११५
चालीसगांव (जलगांव) – १८ जनवरीको पाटनादेवीमें भास्करीय त्रिकोणमिति, पायथागोरसका सिद्धांत, अनंत कल्पनाओंके साथ शून्य लौकिक संकल्पना, परिधि, व्यासके सूत्र, सिद्धांत शिरोमणि समान महान ग्रंथ लिखनेवाले गणितज्ञ भास्कराचार्यकी ९०० वीं जयंती पूरे राज्यके खगोलविशारद तथा खगोलप्रेमियोंकी उपस्थितिमें मनाई गर्इ । पाटनादेवी भास्कराचार्यजीका जन्मस्थान होनेके कारण अभ्यासियोंको उनके विषयमें विशेष उत्सुकता थी । पुणे, मुंबई, विदर्भ, मराठवाडा, पश्चिम महाराष्ट्र आदि स्थानोंसे न्यूनतम २०० खगोल अभ्यासी भास्कराचार्यजीके जन्मस्थलका भ्रमण किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात