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श्री महालक्ष्मी मंदिरमें दर्शन हेतु आनेवाली महिलाओंके लिए पारंपरिक वेशभूषा होगी अनिवार्य !

आषाढ अमावस्या, कलियुग वर्ष ५११४

पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समितिको देरसे सूझा विवेक !

कोल्हापुर (महाराष्ट्र), १८ जून-कोल्हापुरके श्री महालक्ष्मी मंदिरकी ‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति’ द्वारा ऐसा विचार किया जा रहा है कि टाईट ‘जिन्स पैंट’, बिना बाहियोंके तथा पारदर्शक कुरते (टॉप) परिधान कर श्री महालक्ष्मी मंदिरमें दर्शन हेतु आनेवाली महिलाओंपर बंधन लाए जाएंगे  । महिलाओंको देवीके दर्शनके लिए साडी अथवा चुडीदारकी वेशभूषा अनिवार्य होगी । समिति शिघ्र ही इस संदर्भमें प्रस्ताव प्रस्तुत करनेवाली है । (‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति’को देरसे सूझे इस निर्णयपर तत्परतासे कार्यवाही करनी चाहिए । – संपादक)

महिलाओंके चुस्त एवं पारदर्शक वस्रोंके कारण उनकी ओर युवकोंका ध्यान आकर्षित होता है । फलस्वरुप मंदिरकी सात्विकताका भंग होता है । इसलिए इस प्रकारका निर्णय लिया जा रहा है । (हिंदुओंमें धर्मशिक्षाका अभाव होनेके कारण ही महिलाएं इस प्रकारके वस्र परिधान कर मंदिरमें आनेका साहस करती हैं । आज वेशभूषाके संदर्भमें श्री महालक्ष्मी मंदिरमें आने हेतु लगाए जानेवाले प्रस्तावित बंधनोंकी भविष्यमें आवश्यकता न हो, इस हेतु धर्माभिमानी हिंदुओंको राज्यसरकारकी ओर हिंदुओंके लिए धर्मशिक्षाकी मांग करनी चाहिए । – संपादक) पुरुषोंने भी गर्भगृहमें जाते समय पूजा हेतु प्रयुक्त धोती परिधान करना अनिवार्य है । समितिके सदस्योंद्वारा मंदिरकी पवित्रता संजोए रखनेके लिए पारंपरिक भारतीय वेशभूषाका  आग्रह करनेकी भूमिका अपनाई गई है । इस संदर्भमें दैनिक ‘पुढारी’ में समाचार प्रकाशित किया गया है ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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