माघ कृष्ण पक्ष ३, कलियुग वर्ष ५११५
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पांच रुपये और १० रुपये के नए सिक्को में वैष्णो देवी की फोटो से मौलवियों ने कड़ा ऐतराज जाहिर किया है। फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मोहम्मद मुकर्रम अहमद ने कहा, ‘ऐसे सिक्कों के इस्तेमाल करने से लोग बचें ! हमें दुख पहुंचा है । आज ये एक सिक्का है कल को कुछ भी हो सकता है । लोग इसे मुद्दे की तरह इस्तेमाल कर इससे परेशानियां खड़ी कर सकते हैं । देश की भलाई के लिए ऐसे सिक्कों को बंद कर दिया जाना चाहिए और आरबीआई को भी इसे रद्द करना चाहिए ।’
आरबीआई प्रवक्ता बताया, ‘सिक्के को डिजायन करने में आरबीआई का कोई हाथ नहीं होता है । ये भारत सरकार द्वारा किया जाता है । हम बस डिस्ट्रीब्यूशन मॉनिटर करते हैं ।’ हालांकि राजधानी के प्रमुथ सामाजिक कार्यकर्ता मकसूद अहमद ने कहा कि ये शर्मनाक है कि कुछ मौलवियों को सिक्कों में देवी के चित्रों पर आपत्ति है। उन्होंने दावा किया कि इन मौलवियों के विचारों को मुसलमान सही नहीं मानते।
सनद रहे कि कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान होमी जहांगीर भाभा, संत अल्फांसो, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, लाल बहादुर शास्त्री, दांडी मार्च, स्वामी विवेकानंद, मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय जैसे कई सिक्के जारी किए गए थे।
स्त्रोत : निती सेन्ट्रल