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मुस्लिम नाम वाली सडकों के बोर्ड पर काला रंग पोतकर लगाए हिंदू संगठन के पोस्टर

ऐसे नाम परिवर्तित होने चाहिए, यह केवल शिवसेना हिंदुस्थान को ही लगता है, अन्य हिंदुत्ववादीयोंको ऐसा क्यो नही लगता ? काँग्रेस की धर्मांध का तुष्टीकरण करने की नीती के कारण ही, मार्गो को हिंदूंआें पर अत्याचार करनेवाले मुगल शासकों के नाम दिये गए हैं । भाजपा को स्वयं प्रयास कर नाम परिवर्तित करने चाहिए । इस के लिए किसी भी हिंदुत्ववादी संगठन को आंदोलन करने की आवश्यकता नहीं पडनी चाहिए ।  – सम्पादक , हिन्दू जनजागृति समिति

नई दिल्ली : दिल्ली में बुधवार रात मुस्लिम नामों वाली कुछ सड़कों के बोर्ड काले रंग से पोत दिए गए। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक साइन बोर्ड पर काला पेंट करने के बाद इन पर ‘शिवसेना हिंदुस्तान’ नामक संगठन के पोस्टर भी लगा दिए गए। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वह इस मामले की जांच करेगी।

क्या लिखा है पोस्टर्स पर

साइन बोर्ड पर लगाए गए पोस्टर्स पर लिखा था, ‘भारत का इस्लामीकरण मंजूर नहीं, सफर में मुश्किलें आएं हिम्मत और बढ़ती है, कोई अगर रास्ता रोके तो जरूरत और बढ़ती है। जय हिंद! जय भारत !’ पोस्टर्स पर संगठन के कुछ नेताओं के नाम भी लिखे गए थे।

पोस्टर्स लगाने वाले, सजा भुगतने को तैयार

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजिंदर सिंह ने माना है कि यह काम उनके ही संगठन की तीन टीमों ने किया है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस के पास इस मामले की शिकायत जाती है और हम दोषी पाए जाते हैं तो हम कोई भी सजा भुगतने तैयार हैं। सिंह के मुताबिक, ‘हमने हिंदुस्तान में मुस्लिम नामों वाली सड़कों के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी लिखा था। अब सभी हिंदू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ देख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वह हमारी चिंताओं पर ध्यान देंगे।’

‘शिवसेना से अलग होकर बना है संगठन’

संगठन के सचिव विजय सोनकर ने बताया कि उनका संगठन शिवसेना से अलग होकर बना है। उन्होंने कहा, ‘शिवसेना सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित है लेकिन हमने १२ राज्यों में अपना बेस बना लिया है।’ सोनकर ने कहा, ‘हमें शिकायत है कि सड़कों के नाम हमारे उन नेताओं के नाम पर नहीं हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी। देशद्रोहियों के नाम हमारी सड़कों की शोभा बढ़ा रहे हैं।’

स्त्रोत : भास्कर

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