माघ कृष्ण पक्ष ४, कलियुग वर्ष ५११५
साताराके शिक्षणाधिकारियोंके कृत्यके अनुसार सर्वत्रके शिक्षणाधिकारी भी कृत्य क्यों नहीं करते ?
श्री. प्रवीण अहिरे, शिक्षणाधिकारी, |
सातारा (महाराष्ट्र) – सातारा जनपद परिषदके शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक) श्री. प्रवीण अहिरेद्वारा हिंदू जनजागृति समितिके शिष्टमंडलको हाल ही में यह आवाहन प्रस्तुत किया गया कि राष्ट्रध्वज राष्ट्रकी अस्मिता है । २६ जनवरीके पश्चात अधिकांश समय ये प्लास्टिकके राष्ट्रध्वज पैरोंतले कुचले जाते हैं । यह कृत्य अनादरयुक्त न हो, इसलिए हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित किया गया ‘राष्ट्रध्वजका अनादर रोकें’, यह आभियान प्रशंसनीय है । समितिकी सूचनाके अनुसार सातारा जनपदके प्राथमिक पाठशालाओंमें हम एक परिपत्रक निकालते हैं । इस परिपत्रकके अनुसार यदि विद्यार्थियोंद्वारा प्लास्टिकके राष्ट्रध्वजका अनादर किया गया, तो मुख्याध्यापक तथा अध्यापकोंको उत्तरदायी समझकर उनपर कडी कार्रवाई की जाएगी । (राष्ट्रप्रेमी संगठनके इस निवेदनकी ओर त्वरित ध्यान देकर उसपर कृत्य करनेवाले सातारा शिक्षणाधिकारियोंका अभिनंदन ! ऐसे अधिकारियोंके कारण ही कुछ संख्यामें राष्ट्रप्रेमी सिद्ध हो रहे हैं । ऐसे राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी अधिकारी सर्वत्र हों इसके लिए हिंदु राष्ट्र स्थापित होना ही चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. २६ जनवरीको प्लास्टिकके राष्ट्रध्वजका होनेवाला अनादर रोकनेके संदर्भमें समितिद्वारा शिक्षणाधिकारियोंको एक निवेदन प्रस्तुत किया गया । उस समय समितिके सर्वश्री अशोक आफळे तथा हणमंत कदम उपस्थित थे ।
२. उस समय शिक्षणाधिकारी श्री. अहिरेद्वारा संबंधित अधिकारियोंको आमंत्रित कर शासकीय धाराओंका अभ्यास करनेके लिए बताया गया । साथ ही उन्होंने राष्ट्रध्वजका अनादर रोकने हेतु जनपदके सर्व प्राथमिक पाठशालाओंके लिए तुरंत एक परिपत्रक प्रकाशित करनेके लिए बताया ।
३. साथ ही सर्व स्थानीय समाचारपत्रिकाओंमें प्रकाशित करनेके लिए इस संदर्भका प्रसिदि्धपत्रक तथा आदेशकी एक प्रति देनेकी सूचना दी ।
४. उस समय श्री. अहिरेने यह प्रशंसोद्गार निकाले कि ‘पाठशालाके विद्यार्थियो तथा जनतामें राष्ट्रप्रेम जागृत होनेके लिए हिंदू जनजागृति समितिद्वारा किया जानेवाला यह कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है ।’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात