-
जब किसी मुसलमान छात्रा की धार्मिक भावना आहत होती हैं, तो सरकार, प्रशासन तुरंत जाँच के आदेश देता हैं; परंतु जब किसी हिंदू छात्रा की धार्मिक भावना आहत होती हैं, तो सभी धर्मनिरपेक्षता की बात करने लगते हैं ।
-
मुसलमान छात्रा विरोध होने पर भी इस्लाम के अनुसार हिजाब पहनेने पर दृढ रही । कितने हिंदू अपने धर्माचरण पर ऐसे दृढ रहते हैं यह सोचने की बात हैं । – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
![](https://i9.dainikbhaskar.com/thumbnail/680x588/web2images/www.bhaskar.com/2015/05/15/girl7_1431686267.jpg)
लखनऊ – उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने वाली मुस्लिम स्टूडेंट को स्कूल प्रशासन ने हिजाब पहनने के कारण स्कूल से निकाल दिया है। नौवीं की इस स्टूडेंट के परिवार ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की, जिसके बाद घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दे दिए गए हैं।
यह है मामला
सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में फरहीन फातिमा नौवीं क्लास की स्टूडेंट है। सात मई को जब वह स्कूल पहुंची तो स्कूल प्रशासन ने उसे आगे से हिजाब न पहनकर आने को कहा। स्कूल प्रशासन का कहना था कि सभी स्टूडेंट्स ड्रेस कोड का पालन करते हैं, इसलिए उसे भी ऐसा ही करना पड़ेगा। इसके जवाब में फातिमा ने कहा कि इस्लाम के मुताबिक, वह सिर खुला नहीं रख सकती। अगले दिन जब वह फिर हिजाब पहनकर स्कूल पहुंची तो उसे स्कूल परिसर से बाहर निकाल दिया गया। गुरुवार को फातिमा ने प्रिंसिपल से मिलने की कोशिश की तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। फातिमा ने आवेदन देकर कहा कि इस्लामिक नियमों के मुताबिक उसे हिजाब पहनने की इजाजत दी जाए। स्कूल प्रशासन ने इसका भी जवाब नहीं दिया और फातिमा के परिवार से कहा गया कि वे अपनी फीस वापिस ले लें।
क्या कहता है स्कूल प्रशासन
स्कूल प्रशासन का कहना है कि स्कूल के ड्रेस कोड का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। प्रिंसिपल अनिल अग्रवाल के मुताबिक, ‘यदि किसी को मजहबी ड्रेस में पढ़ना है, तो मदरसे या ऐसे स्कूल में पढ़े, जहां इस तरह की इजाजत हो।’
अब जांच होगी
गुरुवार को फातिमा के पेरेंट्स ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की। इसके बाद मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जिसकी रिपोर्ट १९ मई तक आएगी। प्रशासन ने कहा है कि जांच के बाद कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा।
क्या कहते हैं उलेमा
इस्लामिक शिक्षा के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा का मानना है कि कॉन्वेंट स्कूल, मदरसा या घर से बाहर, सभी जगह बालिग लड़कियों और महिलाओं के लिए हिजाब में होना जरूरी है। लखनऊ में कक्षा नौ की छात्रा को कॉलेज से बाहर निकाले जाने के मामले में देवबंदी उलेमा का कहना था कि पहले छात्रा और उसके परिजनों को सही तरीके से सलीकेदार कपड़े पहनने की सलाह दी जानी चाहिए थी। इसके बाद ही कॉलेज से बाहर निकाले जाने का फरमान सुनाया जाना चाहिए।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर