धर्मजागृति के लिए धर्मका आचरण आवश्यक ! -महामंडलेश्वर अर्जुनदासजी महाराज
झुंझुनू (राजस्थान) – राष्ट्रउत्थान के साथ भारतके प्राचीन हिन्दू संस्कृति के विषय में जागृति करना आजकी आवश्यकता हैं । इस विषय में कार्य करने वालों को स्वयं के जीवन मे धर्म का आचरण लाना होगा । साथ ही समर्पित भाव से इस कार्य में जुटना होगा, ऐसा प्रतिपादन बगड के दादूधाम के महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुनदासजी महाराज ने किया । वे यहां के चावो दादी सती मंदिर में आयोजित प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में प्रमुख अतिथी के रूप में उपस्थित थे । इस समय मंच पर विश्व हिन्दू परिषदके जिला कार्याध्यक्ष श्री. मनीष अग्रवाल एवं हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेशजी शिंदे ने अधिवेशन को संबोधित किया ।
सुबह ११ बजे दीपप्रज्वलन से प्रारंभ हुए इस अधिवेशन में झुंझुनू, जयपूर एवं सीकर इन जिलों से गौरक्षा दल, पतंजली योग समिति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल, आर्य समाज, सनातन धर्म संघटन, भारत विकास परिषद, युवा सेना, तत्त्वज्ञान परिषद, सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति इन संघटनों के 60 से अधिक पदाधिकारी उपस्थित थें ।
विहिंप के श्री. मनीष अग्रवालजी ने बताया की, पाश्चात्त्य संस्कृति का अनुकरण करने वाले हिन्दूओं में जागृति की आज नितांत आवश्यकता हैं । मंदिर में भी आज लोग पाश्चात्त्य वेशभूषा से आते हैं, यह गलत हैं । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. रमेश शिंदे ने बताया, आज स्वयं को धर्मनिरपेक्ष कहने वाले राज्यकर्ता एवं बुद्धीजीवी, जब हिन्दूओं के साथ भेदभाव होता हैं, तब चुप्पी साध लेते हैं । इस प्रकार धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दूओं को मूर्ख बनाने वालों से हमें सचेत रहना होगा । साथ ही गौरक्षा, संस्कृति रक्षा, लव जिहाद एवं इस प्रकार के धर्म पर आएं अनेक संकटों के लिए संघटित प्रयास करना होगा ।
इस अधिवेशन में गौरक्षा के विषय में गौरक्षा दल के श्री.प्रवीण स्वामी, श्री. मुकेशानंदजी महाराज; लव जिहाद पर कु.कंचन शर्मा, अधिवेशन का उद्देश इस विषयपर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गजानन केसकर तथा हिंदुत्व के कार्य में साधना की आवश्यकता इस विषयपर श्री. आनंद जाखोटिया ने उद्बोधन किया । कार्यक्रम के लगाई गयी गौरक्षा की प्रदर्शनी, प्रोजेक्टर द्वारा किया गया भारत के वर्तमान स्थिती का अवलोकन सब के लिए आकर्षण का केंद्र रहा ।