संत प. पू. आसारामजी बापू की रिहाई को लेकर कई स्थानों पर आयोजित हुए संत-सम्मेलन

माघ कृष्ण पक्ष ४, कलियुग वर्ष ५११५

संतोंने की आवाज बुलंद


 

जोधपुर (राजस्थान) – धर्म रक्षा मंच के तत्त्वावधान में सूर्यनगरी जोधपुर में प्रसिद्ध संतों के सान्निध्य में विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया गया । सम्मेलन में ‘हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पर किये जा रहे प्रहार’ तथा ‘संस्कृति के ह्रास के लिए किये जा रहे दुष्प्रयास’ जैसे विषयों पर समाज को जागृत करने हेतु संत-समाज एवं उपस्थित वक्तागणों ने विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित किया ।

संतों ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति को नष्ट करने का ईसाई मिशनरियों द्वारा बहुत बड़ा षड्यंत्र चल रहा है और धर्मांतरण में रोड़ा बन रहे संत प.पू. आसारामजी बापू को झूठे केस में फँसाया जाना उसीका एक हिस्सा है । शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती, स्वामी केशवानंदजी, स्वामी नित्यानंदजी की तरह आज संत प.पू. आसारामजी बापू को भी षड्यंत्र के तहत जेल में डाला गया है ।

संतों का सवाल : जज के लिए कमेटी, तो  आसारामजी बापू को जेल क्यों ?

संत-समाज ने सवाल उठाया कि जब एक जज पर आरोप लगता है, तो उसकी जाँच के लिए बाकायदा एक कमेटी बनायी जाती है और संत प.पू. आसारामजी बापू जैसे प्रतिष्ठित संत पर कोई कुछ भी आरोप लगा देता है तो सीधे उठाकर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है, ऐसा क्यों ?

मुकेश खन्ना सहित कई सुप्रसिद्ध हस्तियों ने किया बापू की निर्दोषता का समर्थन

‘भीष्म पितामह’ एवं ‘शक्तिमान’ जैसे किरदार निभानेवाले मुकेश खन्ना ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए अपने उसी अंदाज में कहा कि 'जिस ओर सच्चाई है, मैं उसी तरफ हूँ । मुझे सच्चाई आपकी (संत प.पू.आसारामजी बापू की) तरफ नजर आ रही है इसलिए मैं आपकी तरफ आया हूँ ।'

खन्ना ने संतों के साथ हो रहे व्यवहार को गलत बताते हुए कहा कि 'अमेरिका में राजनायिका के साथ जो व्यवहार हुआ, उस पर पूरा देश खड़ा हो गया । संत हमारी संस्कृति के राजनायक हैं । इनके प्रति आप ये बर्ताव क्यों नहीं करते ? क्यों संतों को वह विशेषाधिकार नहीं दिया जाता, जो एक राजदूत को दिया जाता है ?

मीडिया से ऐतराज जताते हुए उन्होंने कहा कि आज मीडिया में जिस प्रकार दिखाया जाता है, रिपोर्टिंग करते हैं वह गलत है । मीडियावालों से मेरी प्रार्थना है कि सच्चाई दिखायें ।'

‘अर्जुन’ की भूमिका निभानेवाले अभिनेता फिरोज खान ने संत प.पू. आसारामजी बापू पर हो रहे अन्याय पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि आज की दुनिया में कोई किसी को एक वक्त की रोटी भी नहीं देता लेकिन एक ऐसा संत जो कहता है 'भजन करो, भोजन करो और भाई अपनी दक्षिणा भी ले जाओ’। उस संत का अनादर कब तक ?

हमारी संस्कृति कहती है कि हम अपने माँ-बाप की आज्ञा का पालन करें । एक संत ने यही सिखाया कि १४ फरवरी को जब तुम 'वैलेंटाइन डे' मनाते हो उसको छोड़कर तुम ‘माता-पिता’ का पूजन करो, तुम्हारा कल्याण हो जायेगा ! उस पर ऐसे झूठे आरोप ?

एक बार इसी राजस्थान में २००० गायों को कटने के लिए ले जाया जा रहा था और उन्हें किसी और ने नहीं बल्कि बापू ने रोका, वहाँ उनके लिए गौशाला बनवायी । ऐसे संत पर जुल्म करने का परिणाम क्या होगा ? परिणाम तो वह होगा कि दुनिया देखेगी और यकीन मानो आज ६ करोड़ हैं, कल ४० करोड़ होंगे ।

‘कर्ण’ की भूमिका निभानेवाले अभिनेता पंकज धीर तथा रामायण धारावाहिक में ‘जाम्बवंत’ की भूमिका निभानेवाले श्रीमान राजशरण उपाध्याय ने भी संत प.पू. आसारामजी बापू को झूठे आरोपों में फँसाये जाने की बात कही ।

 

राष्ट्रपति से मिलेंगे संत, जमानत न मिली तो होगा जेल भरो आंदोलन

संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चक्रपाणिजी महाराज ने  संत प.पू. आसारामजी बापू पर लगाये गये तमाम आरोपों को निराधार बताया । उन्होंने कहा कि संत प.पू. आसारामजी बापू की रिहाई को लेकर संत-समाज राष्ट्रपति से मिलेगा । संत आसारामजी बापू को जमानत न मिली तो देशभर में ‘जेल भरो आंदोलन’ चलाया जायेगा ।

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश शिंदेजी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जैसे भीष्म भी उत्तरायण की राह देख रहे थे, वैसे ही बापूजी के सभी भक्त भी उत्तरायण की राह देख रहे थे । अभी इस उत्तरायण में इस सरकार के दिमाग में कुछ प्रकाश पड़ेगा और बापूजी को वह जल्दी से रिहा करेंगे ऐसी हम सबकी मनोकामना है । ‘जगद्गुरु जयेन्द्र सरस्वतीजी’, ‘साध्वी प्रज्ञा’, ‘केशवानंदजी’ आदि अनेक संतों पर लगाये गये झूठे आरोपों से उनका पूरी तरह निर्दोष बरी होना बताता है कि विदेशी मिशनरियों के षड्यंत्र विफल हो रहे हैं । और ऐसे ही महाराष्ट्र की सनातन संस्था के साधकों को कोर्ट ने निर्दोष करार दिया है व उन्हें फँसानेवालों को फटकार लगाते हुए कहा है कि एफआईआर ही इसलिए बनायी गयी थी कि सनातन संस्था को दोषी करार करने का षड्यंत्र सफल हो सके ।

संत करेंगे सभी १३ अखाड़ों से चर्चा

जूना अखाड़े के जगद्गुरु पंचानन गिरिजी महाराज ने अपने विचार रखते हुए कहा कि यह एक साजिश चल रही है । शंकराचार्यजी की गिरफ्तारी हो या संत प.पू. आसारामजी बापू की, नारायण साँईं की या और संतों की, यह एक षड्यंत्र है । उन्होंने सभी संत-महंतों, हिन्दू संस्थाओं को एकजुट होकर आंदोलन करने की बात कहते हुए कहा कि वे इस विषय में सभी १३ अखाड़ों से बात करेंगे ।

सम्मेलन में महामंडलेश्वर श्री परमात्मानंदजी महाराज, सेनाचार्य पीठ के महंत स्वामी नरेशानंदजी, महामंडलेश्वर आचार्य श्री सुनील शास्त्रीजी महाराज, आचार्य निर्मलदासजी महाराज, गुरुकृपा आश्रम जोधपुर के संत राजारामजी महाराज, संत कृपारामजी महाराज, छिंदवाड़ा से श्री नागेन्द्र ब्रह्मचारीजी महाराज, महामण्डलेश्वर श्री कमलानंदजी महाराज, चित्रकूट के स्वामी संतोषानंदजी, संत देवसीदास महाराज, संत सीतारामजी, अवधूत महामंडलेश्वर आचार्य जालेश्वरजी आदि धर्माचार्य विभिन्न प्रांतों से पधारे थे ।


सामाजिक व राजनैतिक जगत से जुड़े लोग भी सम्मेलन में पहुँचे

इस राष्ट्रीय महासम्मेलन में वैदिक डिवाइन एसोसिएशन, हिन्दू जनजागृति समिति आदि विभिन्न धार्मिक तथा सामाजिक संगठनों के मान्यवरों के साथ जोधपुर शहर विधायक श्री कैलाश भंसाली, विधायक सूर्यकांता व्यास आदि राजनैतिक जगत की गणमान्य हस्तियाँ भी शामिल थीं । सम्मेलन में बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे ।

कर्णावती (अहमदाबाद) व सूरत में भी आयोजित हुए संत सम्मेलन

१५ दिसम्बर एवं १४ जनवरी को कर्णावतीमें विशाल संत-सम्मेलनों का आयोजन हुआ, जिसमें संतों एवं धर्माचार्यों ने संत प.पू. आसारामजी बापू को निर्दोष बताते हुए शीघ्र ही उन्हें रिहा करने की माँग की । २९ दिसम्बर को सूरत में भी एक भव्य संत सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें संतों ने भारतीय संस्कृति की रक्षा और संतों पर हो रहे षड्यंत्रों से निपटने के लिए सभीको एकजुट होने का आह्वान किया ।

स्त्रोत : प्रेस रीलीझ

 

 

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